
लैलूंगा / लैलूंगा विकासखण्ड के वनांचल में मवेशी तस्करों की चांदी कट रही है। धड़ेल्ले से मवेशियों की तस्करी हो रही है। वाहनों में मवेशियों को भेजा जा रहा है। वही प्रतिदिन लैलूंगा थाना क्षेत्र विभिन्न क्षेत्रों में दिन रात मवेशियों को हांकते पीटते ओड़िसा झारखंड ले जाया जा रहा है यह काम क्षेत्र में लंबे समय से चल रहा है। इसके बाद भी तस्करों के खिलाफ किसी भी तरह की कार्रवाई नहीं की जा रही है। पुलिस तस्करों के खिलाफ कार्रवाई करने के बजाय हाथ में हाथ धरी बैठी हुई है। जिसके चलते तस्करों के हौसले बुलंद है। तस्करी पर अंकुश लगाने पुलिस के अधिकारी विफल साबित हो रहे हैं। लैलूंगा थाना क्षेत्र के विभिन्न गांवों में मवेशी तस्करी का खेल लंबे समय से चल रहा है। जिसमें कुछ तस्कर लैलूंगा थाना क्षेत्र के है मवेशियों को वाहनों सहित हांकते हुए ओड़िसा व झारखण्ड के कत्लखाना भेजा जा रहा है। अब तक बड़े मवेशी तस्करों के खिलाफ कार्रवाई नहीं हुई है। मवेशी तस्करी की जानकारी पुलिस विभाग के अफसरों को भी होती है। लेकिन पुलिस कोई कार्रवाई नहीं करते नजर नही आ रही है और आसपास के गांवों में तस्करी का धंधा बन गया है। शासन द्वारा मवेशी बाजार को बंद कर दिया गया लेकिन तस्कर बाहर अन्य जिले सहित आस पास के गांव से छोटे बछड़े व गाय बैल की खरीदी कर हजारो की संख्या में अलग अलग रास्तो से तस्करी हो रही है मवेशी तस्कर खरीदे गए मवेशियों को बेचकर अच्छा खासा मुनाफा कमा रहे हैं। मवेशी तस्करों के खिलाफ कार्रवाई करना तो दूर कमीशन लेकर मवेशी तस्करी को बढ़ावा दिया जा रहा है। विलुप्त हो गए है गौ रक्षा करने वाले क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों के संरक्षण में मवेशी तस्करी जारी है।

गोरक्षक भी अब सक्रिय नहीं
लैलूंगा थाना क्षेत्र वनांचल में गो तस्करी को रोकने में गोरक्षकों की अहम भूमिका रहती है। लेकिन पिछले एक वर्ष से गोरक्षकों की सक्रियता नजर नहीं आ रही है। पिछले कुछ महीनों से वनांचल में बेरोकटोक हो रही मवेशी तस्करी को रोकने गोरक्षकों की एक भी कार्रवाई सामने नहीं आई है। जिसके कारण गो तस्करी में संलिप्त तस्करों के हौसले बुलंद है। मवेशी तस्करी मामले में कार्रवाई नहीं होने के कारण पुलिस की कार्यप्रणाली पर भी कई सवाल उठ रहे हैं।
इन क्षेत्रों से होकर गुजरती है मवेशियों का हुजूम
लैलूंगा थाना क्षेत्र सहित तमनार घरघोड़ा के कई गांवों में जंगल के रास्ते होती है मवेशियों की तस्करी लैलूंगा के आमापाली,जंगल लारिपानी,सगरपाली,पिपराही,कर्राहन,लमडांड,झरपुर तोलमा, हाड़ीपानी,किलकिला, मुड़ापारा,नारायणपुर व अन्य क्षेत्र में प्रतिदिन हो रही है गौवंश की तस्करी पूर्व में दिखावा मात्र हुआ था कार्यवाही तब और बढ़ गई तसजरी का खेल दिन ब दिन तस्करो के हो रहे हौसले बुलंद पशुक्रूरता एक्ट की कार्यवाही शून्य

