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ब्रह्मांड में उपस्थित हर जीव आपस में जुड़ा है एक चक्र की भांति – सुनील रामदास….नेतृत्व क्षमता ही समाज को दिखा सकता है दिशा – आचार्य राकेश…पुसौर के मुक्तिधाम परिसर में रामदास द्रौपदी फाउंडेशन द्वारा किए गए सैकड़ों पौधे रोपित…

रायगढ़ – नगर पंचायत पुसौर के मुक्तिधाम परिसर में आदर्श ग्राम्य भारती विद्यालय परिवार के सहयोग से रामदास द्रौपदी फाउंडेशन द्वारा वृहद वृक्षारोपण किया गया। उक्त वृक्षारोपण कार्यक्रम में मुख्य रूप से भाजपा नेता व रामदास द्रौपदी फाउंडेशन के चेयरमैन सुनील रामदास, गुरूकुल तुरंगा के आचार्य राकेश, आदर्श ग्राम्य भारती पुसौर के संस्थापक लक्ष्मी नारायण चौधरी, लेखक, विचारक व इंडिया सीएसआर के संस्थापक रूसेन कुमार, दिनेश गुप्ता, पुसौर थाने के थानेदार सीताराम ध्रुव, पत्रकार शिव राजपूत, नगर पंचायत पुसौर के नेता प्रतिपक्ष उमेश साव, सेवा सहकारी समिति पुसौर के पूर्व अध्यक्ष घनश्याम पटेल, सेवानिवृत्त शिक्षक खगेश्वर पटेल,

आदर्श ग्राम्य भारती विद्या मंदिर के प्राचार्य घनश्याम साहू, आदर्श ग्राम्य भारती विद्या मंदिर के उप प्राचार्य अरुण कुमार पटेल, नीलकंठ साहू, पुसौर थाने के आरक्षक कीर्तन यादव, दिनेश गोंड, सहित आदर्श ग्राम्य भारती विद्या मंदिर के समस्त शिक्षक एवम् शिक्षिका गण व नगर के दर्जनों गणमान्य जन और विद्यालय परिवार के छात्र-छात्रा उपस्थित रहे। मुक्तिधाम में

वृक्षारोपण के बाद आदर्श ग्राम्य भारती विद्या मंदिर विद्यालय परिसर में सभा आयोजित की गयी थी। इस सभा में उपस्थित गणमान्य जन व छात्र-छात्राओं को क्रमशः विद्यालय के संस्थापक लक्ष्मी नारायण चौधरी, आचार्य राकेश, नीलकंठ साहू और कार्यक्रम के मुख्य अतिथि सुनील रामदास ने संबोधित किया।

संबोधन का सार
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि सुनील रामदास ने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि हमारे जीवन का पूरा चक्र प्रकृति पर आधारित है और प्रकृति में पेड-पौधे, पहाड़, जल, वायु, हम, तथा इस ब्रह्मांड में उपस्थित हर एक जीव एक दूसरे से जुड़ा हुआ है। इसके जुड़े हुए क्रम को हम मानवों ने अपने जीवन को सुविधा जनक बनाने के लिए उद्योगों को स्थापित कर तोड़ने का कार्य किया है। यद्यपि विकास और रोजगार के लिए वह भी समाज का आवश्यक अवयव है। किन्तु उद्योगों की स्थापना से जो क्रम टूटा है, उस क्रम को पुनः ठीक करने के लिए इस पृथ्वी

को हरा-भरा बनाना पड़ेगा, जिसका वृक्षारोपण ही एक मात्र उपाय है। इसलिए आइए हम सब मिलकर एक शपथ लेते हैं कि परमात्मा द्वारा बनाए गए इस प्रकृति को पुनः सुरक्षित बनाने के लिए पौधों को रोपित करेंगे और उन्हें संरक्षित करके पेड़ बनने में सहयोग प्रदान करेंगे। वहीं आचार्य राकेश ने अपने संबोधन में एक कहानी के माध्यम से उपस्थित जन को संदेश दिया कि यदि आप हृदय अंतर तल से प्रयास करेंगे, तो हमारी यह प्रकृति भौतिक सुविधाओं से युक्त होकर भी पूर्णतः संरक्षित रह सकती

है। इस कार्य को करने के लिए सुनील रामदास द्वारा सहृदय से प्रयास किया जा रहा है, जो कि प्रशंसनीय कार्य है। आज हर क्षेत्र में इस प्रकार के नेतृत्व करने वाले व्यक्ति की समाज में आवश्यकता है। यही कारण है कि उनके इस नेतृत्व क्षमता को आप सभी द्वारा प्रशंसा मिल रही है। वहीं विद्यालय के संस्थापक लक्ष्मी नारायण चौधरी ने अपने संबोधन में पर्यावरण संरक्षण के दिशा में किए गए कार्यों को बताया और रामदास द्रौपदी फाउंडेशन द्वारा चलाए जा रहे पर्यावरण संरक्षण के अभियान की मुक्त कंठ से प्रशंसा की। इस सभा में नीलकंठ साहू ने भी अपने संबोधन में पर्यावरण संरक्षण की बात की।

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