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पुलिस थाना तमनार के दूसरे मामले में भी सुप्रीम कोर्ट ने आशुतोष वोहिदार की गिरफ्तारी पर रोक लगाते हुए गृह सचिव को किया तलब मिश्रा चेम्बर के मार्गदर्शन में दाखिल हुई है याचिका

रायगढ़ । सुप्रीम कोर्ट में डायरी नंबर 2871/2023 की सुनवाई होने पर पुलिस थाना तमनार के अपराध क्रमांक 149/2022 धारा 384, 506, 34 भा0दं0वि0 के आरोपी आशुतोष वोहिदार की गिरफ्तारी पर सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगाते हुए छत्तीसगढ़ सरकार के गृह सचिव से जवाब तलब किया है। यह दूसरा मौका है, जब थाना तमनार के प्रकरण में गिरफ्तारी पर देश की शीर्ष अदालत ने रोक लगाई है।
आरोपी आशुतोष वोहिदार की ओर से उपरोक्त याचिका मिश्रा चेम्बर के सीनियर एडवोकेट अशोक कुमार मिश्रा-आशीष कुमार मिश्रा के मार्गदर्शन में सुप्रीम कोर्ट में पेश कराई गई है, जिसमें यह आरोप लगाया गया है कि दौलत सिंह नामक एक मृत व्यक्ति के नाम पर फर्जी आदमी खड़ा करके उद्योगपति राकेश जिन्दल ने उस मरे हुए आदमी की जमीन की रजिस्ट्री जिन्दल कंपनीके नाम पर करा लिया और उसी नकली आदमी को मुर्दा दौलत सिंह का नाम देकर जिन्दल कंपनी के नाम पर जमीन का नामातंरण भी करा लिया, जिसकी शिकायत करने पर तत्कालीन थाना प्रभारी जी.पी. बंजारे ने करोड़पति व्यापारी राकेश जिंदल को बचाने के लिये शिकायतकर्ता आशुतोष वोहिदार के ही खिलाफ अनेकों फर्जी मामला तैयार कर दिया ताकि कोई भी आदमी राकेश जिंदल के अपराध की रिपोर्ट करने की हिम्मत न कर सके ।
याचिका में यह प्रमाण भी पेश किया गया है कि थानेदार बंजारे ने राकेश जिंदल के विरुद्ध रिपोर्ट करने वाले सरदार महेन्द्र पाल को भी इसी मामले में अवैध रूप से गिरफ्तार करके जेल भेज दिया था, जिसके कारण छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट से थानेदार बंजारे को जमानती वारंट जारी कर तलब किया गया था एवं अवैध गिरफ्तारी का उपरोक्त मामला अभी भी छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट में लंबित है।
सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिये गए उपरोक्त आदेश के संबंध में मिश्रा चेम्बर के सीनियर एडवोकेट अशोक कुमार मिश्रा ने बताया कि पूरे जिले में यह आम धारणा बन गई है कि मुर्दे के नाम पर नकली आदमी खड़ा करके फर्जी रजिस्ट्री कराने वाले अपराधी राकेश जिंदल के विरुद्ध जो भी व्यक्ति रिपोर्ट करता है , उसके विरुद्ध पुलिस द्वारा फर्जी मामला बना दिया जाता है, जिसके कारण जिन्दल के खौफ से पूरा इलाका दहशत में है और इसी दहशत की छत्र-छाया में मुर्दे को जिन्दा बताकर एवं मुर्दे के स्थान पर नकली आदमी खड़ा करके उसकी जमीन की फर्जी रजिस्ट्री कराने के गंभीर अपराध का अपराधी राकेश जिंदल तो खुलेआम घूम रहा है , जबकि इस अपराध को उजागर करने वाले गवाह जेल भेजे जा रहे हैं, ऐसी परिस्थिति में सुप्रीम कोर्ट का यह आदेश भारत में कानून का अस्तित्व होेने का आभास कराता है एवं यह आदेश रायगढ़ जिला की पुलिस के लिये भी एक उदाहरण बनेगा, जो अपराधी की हैसियत और चेहरा देखकर गिरगिट की तरह रंग बदलती है।
आपको बता दें कि पुलिस थाना तमनार के ही अपराध क्रमांक 175/2022 धारा 509 बी, 506 भा0दं0वि0 में आरोपी आशुतोष वोहिदार की गिरफ्तारी पर सुप्रीम कोर्ट ने पूर्व में 2 जनवरी से रोक लगा रखा है एवं उस प्रकरण में भी आरोपी ने जिंदल के इशारे पर उसे थानेदार जी0पी0 बंजारे द्वारा फंसाने का आरोप लगाया है।
सुप्रीम कोर्ट से राहत पाने वाले आशुतोष वोहिदार ने इस बारे में पूछे जाने पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए बताया कि जिन्दल के पैसे के सामने झुक कर रायगढ़ जिला की पुलिस जिस तरह पक्षपात पूर्ण कार्यवाही कर रही थी उसे देखकर कानून से उसका विश्वास ही उठ गया था लेकिन आज उसे महसूस हुआ है कि अभी भी भारत में कानून जिन्दा है।

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