
रायगढ़ – बीतें एक पखवाड़े के भीतर रायगढ़ जिला भाजपा में एक के बाद एक दो “मी-टू बम” के ब्लास्ट होने से जिलें सहित पूरे छत्तीसगढ़ राज्य में भाजपा की सियासी जमीन थर्रा गयी हैं। रायगढ़ जिला भाजपा से जुड़े दो “हाईप्रोफाइल मी-टू प्रकरण” जिसमें एक मामला में जहाँ प्रदेशाध्यक्ष व पूर्व सांसद विष्णुदेव साय के बेहद करीबी मानें जाने वाले पूर्व जिलाध्यक्ष राजेश शर्मा के खासमखास शहर मंडल अध्यक्ष ज्ञानेश्वर सिंह गौतम का नाम सामने आया हैं तो वहीं दूसरे मामलें में भाजपा की एक महिला कार्यकर्ता ने साफ तौर पर जिलाध्यक्ष उमेश अग्रवाल के चरित्र व नीयत को महिलाओं व लड़कियों के लिए अशोभनीय मानते हुए उनपर सीधे तौर पर गंदी-हरकत करने की कोशिश का गंभीर आरोप लगाया गया है जिसमें कथित पीड़िता के मुताबिक मामला लगभग 6 महीनें पहले का हैं जब जिलाध्यक्ष उमेश अग्रवाल द्वारा जिला भाजपा कार्यालय स्थित अपने चैंबर में उसके साथ गंदी हरकत करने की कोशिश की गई थी जिसकी लिखित शिकायत बीतें 26 मार्च 2022 को प्रदेशाध्यक्ष विष्णुदेव साय से की गई हैं लेकिन भाजपा से जुड़े करीबी सूत्रों की मानें तो इस मामलें में चूंकि प्रदेशाध्यक्ष विष्णुदेव साय से जुड़े उनके बेहद करीबी ज्ञानेश्वर सिंह गौतम का भी नाम सामने आया है शायद यही वजह भी हैं कि अब तक पार्टी इस संवेदनशील मामलें में कोई कठोर निर्णय नहीं ले पा रही हैं हालांकि नगराध्यक्ष ज्ञानेश्वर सिंह ने इस बीच अपना इस्तीफा भी सौंप दिया है।
इस मामलें को लेकर जब हमारे संवाददाता ने प्रदेश संगठन महामंत्री पवन साय से बात की तो उन्होंने दो टूक शब्दों में जवाब देते हुए थे कि ये पार्टी का अंदुरुनी मामला हैं जिसमें वे अभी ज़्यादा कुछ कहने की स्थिति में नहीं हैं।
वहीं इस मामलें में खुद का नाम आने के बाद पहले दो दिनों तक जहाँ जिलाध्यक्ष उमेश अग्रवाल व उनसे निजी तौर पर जुड़े करीब दर्जन भर भाजयुमों कार्यकर्ताओं के तेवर सोशल नेटवर्किंग साइट्स पर आक्रामक नज़र आ रहे थे जहाँ वो लगातार इस प्रकरण को अपने राजनीतिक विरोधियों की साजिश बताते हुए उन पर तीखे हमले कर रहे थे वहीं कल राजधानी रायपुर के एक प्रतिष्ठित अखबार में पीड़िता द्वारा प्रदेशाध्यक्ष विष्णुदेव साय को रायगढ़ भाजपा जिलाध्यक्ष उमेश अग्रवाल के खिलाफ की गई शिकायती पत्र के प्रकाशित होने के बाद उमेश व उनके समर्थकों के तेवर ढीले पड़ गए और वो बैकफुट पर आ गए हैं।
इस मामलें में सूत्रों से मिली जानकारी की मानें तो बीतें कल की शाम “मी टू प्रकरण” में चौतरफा घेरने के बाद भाजपा जिलाध्यक्ष उमेश अग्रवाल एसपी अभिषेक मीणा से मिलने एसपी कार्यालय पहुंच थे जहाँ उन्होंने एसपी मीणा को लिखित आवेदन सौंपने के दौरान कहा कि यह पूरा “मी टू प्रकरण” उनकी चरित्र हत्या करवाने के उद्देश्य से उनके राजनीतिक विरोधियों द्वारा रची गयी एक सुनियोजित साजिश हैं जिसमें उनके ऊपर छेड़खानी का मिथ्या आरोप लगवाकर मीडिया ट्रायल किया जा रहा हैं ताकि उनकी राजनीतिक व सामाजिक प्रतिष्ठा को धूमिल किया जा सकें। आगे उन्होंने एसपी मीणा से मांग की वो चाहें तो इस पूरे मामलें की एक बार निष्पक्ष जाँच की जाये।
वैसे यहाँ बता दे कि अब तक किसी भी कथित पीड़िता के द्वारा जिले के किसी भी थाने अथवा एसपी कार्यालय में उमेश अग्रवाल के खिलाफ किसी भी प्रकार की न तो कोई लिखित शिकायत की गई हैं और न ही उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई गई है।
ऐसे में अब इस मामले को लेकर पूरे रायगढ़ जिलें में जनचर्चाओ का बाजार गर्म हो गया हैं और शहर की सियासत में अहम स्थान रखने वाले तमाम बड़े टी स्टॉलों व चौक-चौराहों में अब बस इसी बात की चर्चा है कि गंदी बात के प्रकरण में चौतरफा घिर जाने के बाद अब उमेश अग्रवाल किसी संभावित शिकायत के मद्देनजर स्वयं को पुलिसिया जाँच व एफआईआर से बचाने की कवायद में जुट गए है ताकि वो कानूनी रूप से किसी बड़े विवाद में न फँस जाए।
वैसे कुल मिलाकर देखा जाए तो इस गंदी बात से जुड़े मामलें में पहले नगराध्यक्ष ज्ञानेश्वर सिंह गौतम और फिर बाद में जिलाध्यक्ष उमेश अग्रवाल का नाम आने के बाद रायगढ़ जिले में खासकर शहरी क्षेत्रों में रायगढ़-भाजपा की खूब फज़ीहत हो रही हैं जिसका सीधा बड़ा खामियाजा भाजपा को आगामी विधानसभा चुनाव 2023 के दौरान पूरे रायगढ़ जिले सहित प्रदेशभर में उठाना पड़ सकता है।

