
रायगढ़। प्रदूषण के लिए केवल स्टील और पावर प्लांटों को जिम्मेदार ठहराया जाता है जबकि कोयला खदानों में भी कई तरह की विसंगतियां पाई जाती हैं। माइंस से निकल रहे गंदे पानी को बिना उपचार के पास के जल स्रोतों में छोड़ दिया जाता है। जिंदल पावर के कोयला खदान 4/2 व 4/3 से पास के नाले में पानी छोड़े जाने की शिकायत हुई थी। पर्यावरणीय शर्तों के मुताबिक कोयला खदान के अंदर भरे पानी को उपचार के बाद ही बाहर छोड़ा जा सकता है। जिंदल पावर लिमिटेड की कोल माइंस गारे पेलमा 4/2 व 4/3 से गंदा पानी सरसमाल गांव के नाले में छोड़े जाने की शिकायत की गई थी। इस पर छग पर्यावरण संरक्षण मंडल ने खदान की जांच की थी। मौके पर पाया गया कि खदान से गंदा पानी सीधे छोड़ा जा रहा था जो नाले में मिल रहा था। खदान के गारलैण्ड ड्रेन से पानी निकल रहा था। खदान के कोल हैंडलिंग प्लांट से भी पानी परिसर के बाहर छोड़ा जा रहा था। इसकी जानकारी जेपीएल प्रबंधन को भी नहीं थी। इस पर कंपनी को नोटिस दिया गया। पुन: मौके की जांच की गई जिसमें समाधान किया गया। लेकिन इतने दिनों तक गंदा पानी डिस्चार्ज करने के कारण प्राकृतिक जल स्रोत को नुकसान हुआ। नाले का पानी आगे जाकर केलो नदी में मिलता है। कई गांव के लोग निस्तारी के लिए भी इसका उपयोग करते हैं। पर्यावरण विभाग ने जेपीएल पर 3.30 लाख रुपए जुर्माना लगाया है।जेपीएल की दो और खदानों में भी जुर्माना
इसके पहले जेएसपीएल की गारे पेलमा 4/6 माइंस में वायु प्रदूषण की शिकायत सुशासन तिहार में की गई थी। पर्यावरण विभाग ने खदान का दौरा किया था जिसमें पाया गया कि कोयले के स्टॉक में कई जगहों पर आग लगी है। यहां से दूषित गैसें और धुआं का उत्सर्जन लगातार हो रहा था जो आसपास के गांवों को प्रदूषित कर रहा था। इस पर साढ़े 4 लाख का जुर्माना लगाया गया था। जेपीएल की गारे पेलमा 4/1 कोल माइंस से कोयला परिवहन के दौरान गाडिय़ों में तिरपाल सही तरीके से नहीं ढंका गया था। परिवहन के दौरान रोड पर कोयला गिरता जा रहा था। इस पर डेढ़ लाख का जुर्माना पहले लगाया जा चुका है। जेपीएल की दो और खदानों में भी जुर्माना
इसके पहले जेएसपीएल की गारे पेलमा 4/6 माइंस में वायु प्रदूषण की शिकायत सुशासन तिहार में की गई थी। पर्यावरण विभाग ने खदान का दौरा किया था जिसमें पाया गया कि कोयले के स्टॉक में कई जगहों पर आग लगी है। यहां से दूषित गैसें और धुआं का उत्सर्जन लगातार हो रहा था जो आसपास के गांवों को प्रदूषित कर रहा था। इस पर साढ़े 4 लाख का जुर्माना लगाया गया था। जेपीएल की गारे पेलमा 4/1 कोल माइंस से कोयला परिवहन के दौरान गाडिय़ों में तिरपाल सही तरीके से नहीं ढंका गया था। परिवहन के दौरान रोड पर कोयला गिरता जा रहा था। इस पर डेढ़ लाख का जुर्माना पहले लगाया जा चुका है।





