Uncategorized

माँ चन्द्रहासिनी की नगरी चंद्रपुर मे सम्पन्न हुआ कवि सम्मेलन कवि डॉ अनामिका अंबर, सौरभ जैन, हिमांशु बवंडर, प्रबुद्ध सौरभ, स्वयं श्रीवास्तव जैसे नामचीन कवियों ने काव्य पाठ किया

चंद्रपुर : चन्द्रहासिनी मंदिर चंद्रपुर में चैत्र नवरात्रि के पावन पर्व के अवसर पर हो रहे सांस्कृतिक महोत्सव में सांस्कृतिक कार्यक्रमों के चौथे दिन 16 अप्रेल कों अखिल भारतीय कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया। माँ चन्द्रहासिनी एवं गोपाल जी महाप्रभु की पावन धरा, माँ चित्रोंत्पला के पावन तट चंद्रपुर में आयोजित इस कवि सम्मेलन मे देश के सर्वोच्च कविगण साहित्य एवं कला संस्कृति के इस नगर में मंच साँझा किये..
इस अवसर पर कवि डॉ अनामिका अंबर, सौरभ जैन, हिमांशु बवंडर, प्रबुद्ध सौरभ, स्वयं श्रीवास्तव जैसे नामचीन कवियों ने काव्य पाठ किया।
मंदिर न्यास की ओर से न्यासी एवं कोषाध्यक्ष अजीत पाण्डेय ने मंच संचालित किया। मंच संचालन के दौरान उन्होंने पद्मश्री मुकुटधर पाण्डेय की कविता की लिखी ये पंक्तिया कवियों के सम्मान में समर्पित की ..

बतलाओ, वह कौन है जिसको कवि कहता सारा संसार?
रख देता शब्दों को क्रम से, घटा-बढ़ा जो किसी प्रकार।
क्या कवि वही? काव्य किसलय क्या उसका ही लहराता है,
जिसके यशः सुमन-सौरभ से निखिल विश्व भर जाता है।
नहीं, नहीं, मेरे विचार में कवि तो है उसका ही नाम
यम-दम-संयम के पालन युत होते हैं जिसके सब काम।

इस दौरान मुख्य अतिथि के रूप मे समाजसेवी सुनील लेंधरा, रामपुकार सिंह पूर्व केबिनेट मंत्री, अजय अग्रवाल, तायल जी सम्मिलित हुए। आमंत्रित अतिथियों ने माँ चन्द्रहासिनी के छाया चित्र पर फूल पूजन अर्पित कर, दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया।संचालन के दौरान कवि सौरभ जैन ने कहा हमारे लिये गर्व का विषय है की साहित्य के लिये जाने जाने वाले इस माँ चन्द्रहासिनी के धाम मे कवि सम्मेलन मे उपस्थित है। वही कवि स्वयं श्रीवास्तव ने काव्य पाठ के दौरान कहा साहित्य रूपी दीपक कों इस अंचल से “छायावाद” का नाम देकर

प्रज्वलित करने वाले पद्मश्री मुकुटधर पाण्डेय कों हमने पढ़ा है और उनके साहित्य सेवा से परिचित है हमारा सौभाग्य है की उनके जन्म क्षेत्र मे उनके वंशजो के बिच हमें माँ चन्द्रहासिनी के आशीर्वाद से काव्य पाठ का अवसर मिला है।
यह कवि सम्मेलन, स्टार पोयेट अनामिका के संयोजन में.. सौरभ जैन के संचालन में.. हिमांशु बवंडर, स्वयं श्रीवास्तव, प्रबुद्ध सौरभ के काव्यपाठ से शोभित हुआ ..
सौरभ सुमन ने अपनी ओज भरी कविताओं से श्रोताओं कों जागृत किया तो, प्रबुद्ध सौरभ की मशहूर पंक्ति..
मिरी आँखों से हिजरत का वो मंज़र क्यूँ नहीं जाता

बिछड़ कर भी बिछड़ जाने का ये डर क्यूँ नहीं जाता

अगर ये ज़ख़्म भरना है तो फिर भर क्यूँ नहीं जाता

अगर ये जान-लेवा है तो मैं मर क्यूँ नहीं जाता

अगर तू दोस्त है तो फिर ये ख़ंजर क्यूँ है हाथों में

अगर दुश्मन है तो आख़िर मिरा सर क्यूँ नहीं जाता

कों पढ़ा तो हास्य कवि हिमांशु बवंडर ने हसा हँसा कर लोट पोट कर दिया। स्वयं श्रीवास्तव ने अपनी प्रसिद्ध लाइने पढ़ी..
“हम सोचने लगे कि यार लौट चले क्या.. फिर सोचा यार छोड़ो चल पड़े तो चल पड़े”. 
तो वही डॉ अनामिका अंबर के गायन एवं काव्य पाठ ने दर्शकों कों देर तक थिरकने और वाह वाह करने मजबूर कर दिया.. उन्होने..
राम से लेकर प्रेम तक के विषय पर काव्य पाठ करते हुए खूब वाह वाह बटोरी।

मोहब्बत के सफ़र को एक हँसी आग़ाज़ दे देना,
मेरा कल मुस्कुरा उठे तुम ऐसा आज दे देना,
वफ़ाएँ देख लेना तुम तुम्हारी प्यार की ख़ातिर,
चली आऊँगी मैं सब छोड़ कर आवाज़ दे देना।

चंद्रपुर मे आयोजित यह कवि सम्मेलन पूर्णतः सफल रहा और दर्शकों ने खूब आनंद लिया। सौरभ जैन सभी कवियों ने कहा की जनता ने बड़े मन से कार्यक्रम कों सुना।

WhatsApp Image 2024-01-20 at 23.42.49_7da1af9d
WhatsApp Image 2024-01-20 at 23.42.49_7da1af9d
previous arrow
next arrow

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!
BREAKING