
रायगढ़.. हर साल सावित्री नगर में लगने वाले मीनाबाजार का विरोध होना अभी से शुरू हो गया है।जानकारी मिल रही है की उक्त जगह पर मीना बाजार लगाने के लिए संचालक ने जिला प्रशासन से अनुमति मांगी है।
आखिर क्यों हो रहा है विरोध..
बता दें की सावित्री नगर के पास जिस जगह मीनाबाजार लगाया जाता है।वह स्थल मीनाबाजार लगाने के लिए बिल्कुल भी उपयुक्त नहीं है।दरअसल उस जगह के चारों तरफ घनी बस्ती है।और उन बस्तियों के रहवासी पतली सड़कों के माध्यम से अपने घर आते जाते हैं।मीनाबाजार लगने के बाद उस क्षेत्र में ट्रैफिक का अनावश्यक दबाव बढ़ जाता है।लोग एक महीने तक अपने घरों में कैद हो जाते हैं।भीड़ के दबाव के कारण अगर किसी को मेडिकल इमरजेंसी में हस्पताल तक पहुंचना हो तो मुश्किल हो जायेगा।या फिर उस क्षेत्र में किसी प्रकार की कोई दुर्घटना या आगजनी हो जाए तो भी हालात बेकाबू हो सकते हैं।
रेल पटरी और बोगदा पुलिया है खतरनाक…
मंदिर मेला के दौरान भीड़ बढ़ने के बाद लोग शहर से मीनाबाजार तक पहुंचने के लिए रेल पटरी और बोगदा पुलिया का इस्तेमाल करते हैं।रेल पटरी पर दिनभर ट्रेनों का आना जाना लगा रहता है।ऐसे में कभी भी बड़ी घटना घटित हो सकती है।साथ ही हजारों की संख्या में उमड़ने वाली भीड़ बोगदा के जरिए भी मीना बाजार स्थल तक पहुंचने की कोशिश करती है।हड़बड़ाहट और भगदड़ की स्थिति में बोगदा पुल के नीचे भी बड़ी दुर्घटना हो सकती है।

रैक प्वाइंट में चलते हैं भारी वाहन..
मीनाबाजार स्थल के ठीक बगल में रेल्वे की रैक प्वाइंट स्थित है।जहां रैक लगने पर दिनभर भारी वाहनों का आवागमन होता रहता है।मीना बाजार में उमड़ने वाली हजारों की भीड़ की वजह से रास्ता जाम हो जाता है।ऐसे में रैक प्वाइंट से आ रही लोडेड ट्रकों से भी बड़ा हादसा होने का अंदेशा लगा रहता है।
शराब भट्टी में लगता है शराबियों का जमावड़ा…
मीनाबाजार के निकट में ही शराब भट्टी स्थित है।जहां सुबह से देर रात तक शराबियों और असामाजिक तत्वों का जमावड़ा लगा रहता है।ऐसे में मीनाबाजार घूमने आए महिलाओं के साथ कभी भी अप्रिय घटना घट सकती है।
बहरहाल..मीनाबाजार लगाने के लिए संचालक ने जिला प्रशासन से लिखित में अनुमति तो मांग ली है।लेकिन बहुत सी तकनीकी जानकारी अपने आवेदन में संचालक ने नही दी है।इधर स्थानीय निवासियों का भी विरोध सामने आ रहा है।खबर लिखे जाने तक पार्षद सहित कई अन्य लोगों ने मीनाबाजार के विरोध में जिला प्रशासन को लिखित आवेदन दे दिया है।तमाम विरोध के बावजूद भी अगर जिला प्रशासन उक्त स्थल पर अगर मीना बाजार लगाने की अनुमति देता है तो क्षेत्रवासी उग्र आंदोलन के लिए बाध्य होंगे।





