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सेठ किरोड़ीमल ने दानवीरता के बनाए नए आयाम:- सुनील लेंध्रा

जयंती पर सेठ जी के अवदानों को सुनील ने याद किया

रायगढ़ :- सेठ किरोड़ीमल की जयंती पर उनके योगदानो का स्मरण कराते हुए सुनील लेंध्रा ने कहा सेठ किरोड़ीमल जी ने अपने जीवन काल में अधिकाधिक मात्रा में स्कूल, काँलेज, पुस्तकालय, चिकित्सालय, बालमंदिर, बालसदन, भव्य मंदिर, धर्मशाला, कुआ-बावली और काँलोनियों का निर्माण कराया जिसका लाभ रायगढ़ की आम जनता को आज भी मिल रहा है l रायगढ़ शहर को औद्योगिक नगर के रूप में पहचान दिलाने हेतु प्रदेश का प्रथम जूटमिल रायगढ़ में उनके प्रयासों से ही स्थापित हो पाया l कठिन संघर्ष व्यावसायिक बुध्दि के जरिए अर्जित पूरी संपत्ति को उन्होंने जनता हित के सेवा कार्यों हेतु समर्पित कर दिया । उनकी यह अप्रतिम सेवा उन्हें महान दानवीरों की श्रेणी में रखती है l राजशाही खत्म होने के बाद सेठ किरोड़ीमल ने ही औद्योगिक नगर के रूप में रायगढ़ नगर की नींव रखी। सेठ किरोड़ीमल जैसे महादानी, समाजसेवक, विलक्षण व्यवसायी कोई दूजा नही हो सकता l अविभाज्य मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री श्री रविशंकर शुक्ल एवं सेठ पालूराम धनानिया की प्रेरणा से उन्होंने रायगढ़ में 7 मार्च 1946 को गौरीशंकर मंदिर का शिलान्यास पं. शुक्ल के हाथ करवाया था। 13 मार्च 1946 को उन्हीं के हाथों “सेठ किरोड़ीमल धर्मादा ट्रस्ट” की स्थापना कराई गई। रायगढ़ में ही नहीं उन्होंने देश के विभिन्न स्थानों जैसे दिल्ली, मथुरा, मेंहदीपुर, (राजस्थान), भिवानी(हरियाणा), पचमढ़ी, रायपुर, किरोड़ीमल नगर आदि नगरों में अनेक धर्मशाला एवं रैन बसेरा का निर्माण कराया जो कि उनके लोकापकारी कार्यों का जीवन्त उदाहरण है, देश का प्रसिद्ध झूला- मेला की शुरुआत भी उन्होंने गौरीशंकर मंदिर से की थी।

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