
रायगढ़: छत्तीसगढ़ शासन स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा कक्षा 1 से 12 वीं की केंद्रीय मूल्यांकन परीक्षा हेतु निर्देश जारी कर दिए गए हैं। स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा करोना काल के पश्चात विद्यार्थियों की दक्षता और सीखने की गति को चरणबद्ध तरीके से प्रोत्साहित करने की मंशा से कक्षा 1 से 12 वीं में मासिक,त्रैमासिक, अर्धवार्षिक तथा वार्षिक अर्थात सतत मूल्यांकन कार्य कराए जाने का महत्वपूर्ण निर्णय लिया गया था। उल्लेखनीय है कि,सतत मूल्यांकन सहित तिमाही तथा अर्धवार्षिक परीक्षा का मूल लक्ष्य तथा उद्देश्य ना तो विद्यार्थियों को उत्तीर्ण या अनुत्तीर्ण करना रहा है और ना ही तिमाही या छःमाही परीक्षा में प्राप्तांक वार्षिक परीक्षा में नहीं जोड़े जाने हैं। बल्कि शिक्षा सत्र के अंत में आयोजित वार्षिक परीक्षा की आवश्यक सतत तैयारी के प्रति उन्हें सचेत और सक्रिय बनाए रखना है विदित हो कि,विगत दिनों कतिपय न्यूज़ चैनलों तथा अखबारों में तिमाही परीक्षा हेतु निर्मित केंद्रीकृत प्रश्न पत्र के लीक होने के समाचार प्रकाशित हुए हैं। अतः सतर्कता स्वरूप विद्यार्थियों के मूल्यांकन कार्य की पारदर्शिता तथा विश्वसनीयता को बरकरार रखते हुए कक्षा एक से आठ तथा कक्षा नौवीं से 12वीं के विद्यार्थियों के लिए क्रमशः एससीईआरटी तथा माध्यमिक शिक्षा मंडल द्वारा निर्मित व जारी प्रश्न पत्र के माध्यम से ली जाने वाली परीक्षा/ मूल्यांकन कार्य संबंधी निर्देशों को तत्काल प्रभाव से अधिक्रमित करते हुए निर्देशित किया गया है कि, राज्य स्तर से पूर्व में जारी व शाला स्तर पर प्राप्त प्रश्न पत्रों का उपयोग किसी भी स्थिति में नहीं किया जावे। संस्था प्रमुख प्राचार्य द्वारा शाला स्तर पर प्रश्न पत्र सेट कराया जाए। प्रश्न पत्र की प्रकृति तथा संख्या ऐसी हो जिन्हें सुगमता से 10 से 15 मिनट में लिखा जा सके। प्रश्न पत्र को परीक्षा कक्ष में चॉक से ब्लैक बोर्ड पर लिखा जाए। परीक्षार्थियों से अपनी विषय की कॉपी में ही प्रश्नों के उत्तर लिखवाया जाएं। शाला स्तर पर ही परीक्षार्थियों की कॉपी जांच कर मूल्यांकन कार्य पूर्ण किया जाए। मूल्यांकन पश्चात प्रश्नोत्तर कापी विद्यार्थियों को अनिवार्य लौटा दी जाए ताकि वे तथा पालक स्वयं भी अपने स्तर से आवश्यक मूल्यांकन कर सके ताकि भविष्य में अतिरिक्त तैयारी कर सकें। शाला स्तर पर ही परीक्षा की समय सारणी निर्धारित किया जाए एवं अनिवार्यतः यह तिमाही परीक्षा अनिवार्य रूप से 10 अक्टूबर तक पूर्ण कर ली जाए। प्रश्न पत्र की एक प्रति परीक्षा आयोजित करने के बाद अनिवार्यतः जिला शिक्षा अधिकारी को प्रेषित की जाए ताकि उनके स्तर से भी गुणवत्ता का आकलन- परीक्षण हो सके एवं वे आगामी मूल्यांकन परीक्षाओं के लिए संबंधित संस्था प्रमुखों प्राचार्य को समुचित मार्गदर्शन दे सके

