
रायगढ़-11 अक्टूबर 2025 को जिले के तमनार ब्लॉक अंतर्गत ग्राम पंचायत धौराभांठा में आयोजित “धन्यवाद सभा” में 14 गांवों के प्रतिनिधि मंडल ने एक स्वर में जनसुनवाई स्थगित किए जाने पर प्रशासन का आभार व्यक्त किया। इस निर्णय को ग्रामीणों की एकजुटता और शांतिपूर्ण संघर्ष की सकारात्मक जीत माना गया। सभा में उपस्थित समस्त सदस्यों ने यह स्पष्ट किया कि यह केवल पहली सफलता है — आंदोलन अभी जारी रहेगा, और इसके लिए अब और संगठित रूप से कार्य किया जाएगा।
बैठक- कोल ब्लॉक गारे पेलमा सेक्टर-1 परियोजना की पर्यावरणीय जनसुनवाई स्थगन के संदर्भ में विशेष बैठक आयोजित की गई। बैठक में जनपद अध्यक्ष, जिला पंचायत सदस्य, सरपंचगण, आंदोलनकारियों, महिलाओं व ग्रामीणों की सशक्त उपस्थिति रही।
बैठक में सर्वप्रथम आगामी 14 अक्टूबर को प्रस्तावित जनसुनवाई के स्थगन की जानकारी साझा की गई, जिसे आंदोलन की एक महत्वपूर्ण सफलता के रूप में देखा गया। जिला पंचायत सदस्य रमेश बेहरा ने आंदोलनकारियों के जमीनी प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि यह केवल एक पड़ाव है – अब हमें परियोजना के पूर्ण निरस्तीकरण की दिशा में ठोस कार्ययोजना बनानी होगी।
जनपद अध्यक्ष श्री जागेश सिंह सिदार ने कहा कि आम जनता के एकजुट प्रयास से एक बड़ी कंपनी का घमंड टूटा है, और यह जनशक्ति की सच्ची जीत है। वहीं विभिन्न ग्राम पंचायतों के सरपंचों ने भी अपनी-अपनी ओर से आंदोलन में योगदान देने वाले ग्रामीणों, विशेष रूप से नारी शक्ति की भागीदारी की भूरि-भूरि प्रशंसा की।
सरपंच ग्राम पंचायत महलोई ने बताया कि उनके ग्राम से 493 ग्रामीणों ने विरोध रैली में भाग लिया था, जो ग्रामीण जागरूकता का प्रतीक है। सरपंच ग्राम पंचायत लिब्रा श्रीमती लक्ष्मी सिदार ने कहा कि “हमारे क्षेत्र में प्रदूषण का दुष्प्रभाव पहले से ही दिख रहा है, अब और नुकसान नहीं सहा जाएगा।”
बैठक में आगे की रणनीति पर विचार करते हुए निर्णय लिया गया कि:
प्रोजेक्ट के निरस्तीकरण हेतु कानूनी विकल्पों और न्यायालयीन प्रक्रिया पर भी विचार किया जाएगा।
सभी ग्राम सभाओं के प्रस्ताव, दस्तावेज़ और जन भागीदारी को विधिवत दस्तावेजीकृत किया जाएगा।
आंदोलन की सतत निगरानी और दिशा निर्धारण हेतु कोर कमेटी की भूमिका को और अधिक सक्रिय बनाया जाएगा।
जनसुनवाई विरोध व्हाट्सएप समूह जैसे डिजिटल माध्यमों को और मजबूत करते हुए सूचना संप्रेषण की गति बढ़ाई जाएगी।
सभा में निम्नलिखित महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए:
ग्राम पंचायत समिति का गठन…
प्रत्येक ग्राम पंचायत में 10 से 15 सदस्यों की एक ग्राम पंचायत समिति गठित की जाएगी। पहले से गठित समितियों में यदि संशोधन आवश्यक हो तो उसे अद्यतन किया जाएगा। इन समितियों में पंचायत प्रतिनिधियों के साथ-साथ महिलाओं, युवाओं और जागरूक ग्रामीणों की भागीदारी सुनिश्चित की जाएगी।
नियमित बैठकें और कार्यवृत्त संधारण…
प्रत्येक 8 या 15 दिनों में ग्राम समिति की बैठक आयोजित की जाएगी। बैठकों की कार्यवाही को एक रजिस्टर में संधारित किया जाएगा और सभी उपस्थित सदस्यों के हस्ताक्षर लिए जाएंगे।
वित्तीय पारदर्शिता…
हर बैठक में आय-व्यय का विवरण प्रस्तुत किया जाएगा, जिससे आंदोलन में पूर्ण पारदर्शिता बनी रहे।
दस्तावेज़ों का संकलन एवं सुरक्षित रख-रखाव..
अब तक कार्यालयों को भेजे गए सभी पत्रों की पावती, ग्राम सभा की कार्यवाही की छायाप्रतियां, और अन्य महत्त्वपूर्ण दस्तावेजों को फाइल में सुरक्षित रखा जाएगा ताकि भविष्य की रणनीतियों में उनका उपयोग किया जा सके।
कोर कमेटी को जानकारी संप्रेषण…
केंद्रीय कोर कमेटी की आगामी बैठक में प्रत्येक पंचायत से निम्न जानकारी संकलित की जाएगी:
ग्राम सभा की कार्यवाही की छायाप्रतियां
कार्यालयों को भेजे गए पत्रों की पावती
पर्यावरण कार्यालय रायगढ़ में जमा किए गए व्यक्तिगत विरोध पत्रों की संख्या
यह संकलित डाटा आंदोलन की सामूहिक रिपोर्टिंग और ठोस तथ्यों के साथ आगे की कार्यवाही के लिए उपयोग में लाया जाएगा।
यह आंदोलन अब सिर्फ विरोध नहीं, बल्कि ग्राम स्तर पर संगठित नागरिक चेतना का परिचायक बन रहा है। सभी ग्रामवासी इस बात पर एकमत हैं कि यह लड़ाई लंबी हो सकती है, लेकिन एकता, पारदर्शिता और निरंतर संवाद से इसे जीत में बदला जाएगा।
अंत में सभी वक्ताओं ने एक मत से कहा कि आंदोलन में भाग लेने वाले प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष सभी सहयोगियों, विशेषकर महिलाओं और युवा वर्ग को धन्यवाद दिया जाए और एकजुट होकर आंदोलन को तब तक जारी रखा जाए जब तक परियोजना पूर्णतः निरस्त नहीं हो जाती।

