
रायगढ़ में संगीत एवं नृत्य महाविद्यालय बनने पर कलाकारों को मिलेगा संगीत के समस्त पाठ्यक्रम ,मंच और माहौल
रायगढ़ / में संगीत एवं नृत्य महाविद्यालय प्रारम्भ करने की मंसा को जानकर सांस्कृतिक साहित्यिक प्रकोष्ठ के अध्यक्ष दीपक आचार्य ने छत्तीसगढ़ के यशस्वी मुख्यमंत्री को हृदय से धन्यवाद और आभार ब्यक्त किया है निश्चित ही आने वाले समय मे खैरागढ़ संगीत विश्वविद्यालय की भांति रायगढ़ जिले के कलाकारो को भी संगीत के समस्त पाठ्यक्रम के साथ एक माहौल और मंच उपलब्ध होगा ।जहां कलाकार अपने कला से अपनी पहचान बना पायेंगे।
रायगढ़ की पावन धरा को कला और संस्कृति विरासत में मिला है जहाँ लोगो के रोम रोम में संगीत बसा है।किंतु यहाँ के कलाकारों को सही दिशा नही मिल रही थी,छत्तीसगढ़ के मुखिया श्री बघेल जी ने रायगढ़ के कलाकारों के हित में बेहद सार्थक निर्णय लिया है।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के अध्यक्षता में छत्तीसगढ़ संस्कृति परिषद् की द्वितीय बैठक में छत्तीसगढ़ सांस्कृतिक परिषद् को साहित्य अकादमी, कला अकादमी, आदिवासी एवं लोक कला अकादमी, छत्तीसगढ़ फिल्म विकास निगम, छत्तीसगढ़ राजभाषा आयोग और छत्तीसगढ़ सिन्धी अकादमी के 127 आयोजनों के लिए 4 करोड़ 93 लाख रूपए की स्वीकृति प्रदान की गई। मुख्यमंत्री ने बैठक में चर्चा के दौरान कहा कि लोक कला, संस्कृति पर आधारित कार्यक्रम केवल राजधानी तक ही सीमित न रहें, राज्य के सभी संभागीय मुख्यालयों में कार्यक्रम आयोजित किए जाएं। लोक संस्कृति के प्रचार-प्रसार के लिए ऐसे आयोजनों का विकेंद्रीकरण किया जाना चाहिए। उन्होंने इंदिरा संगीत एवं कला विश्वविद्यालय खैरागढ़ की तरह रायगढ़ में भी संगीत एवं नृत्य महाविद्यालय खोलने का प्रस्ताव तैयार करने के निर्देश दिए।रायगढ़ जिला कांग्रेस कमेटी सांस्कृतिक प्रकोष्ठ के अध्यक्ष दीपक आचार्य ने कहा कि मुख्यमंत्री जी के इस पहल का हम स्वागत करते है निश्चित रूप से रायगढ़ के कलाकारों को काम नाम और पहचान मिलेगा।





