
रायगढ़। घरघोड़ा तहसील के ग्राम नावापारा में स्थित फील कोल बेनिफिकेशन के से निकलने वाले गंदे पानी से क्षेत्र के ग्रामीण परेशान है। इसका सीधा असर किसानों के आजीविका पर पड़ रहा है जिसके कारण ग्रामीणों में फील कोल बेनिफिकेशन को लेकर आक्रोश पनप रहा है। पर्यावरण विभाग सहित अन्य अधिकारियों से इसकी शिकायत किये जाने के बावजूद कोई कार्रवाई नही हो रही है।
ग्रामीणों की माने तो घरघोड़ा के नावापारा में स्थित फील कोल बेनिफिकेशन में कोयले की सफाई के बाद निकलने वाले गंदे पानी को किसानों के कृषि जमीन की ओर छोड़ दिया जा रहा है। यहां से उड़कर जहां आस-पास में लगे फसलों में डस्ट बैठ रहा है तो वहीं यहां से निकलने वाले गंदे पानी के कारण कृषि जमीन प्रभावित हो रही है। ग्रामीण यह भी बता रहे हैं कि यहां के प्रदूषण के कारण आस-पास के वन क्षेत्र में लगे वनोपज के उत्पादन भी प्रभावित हुए हैं। ग्रामीणों ने बताया कि उनके आजीविका का मुख्य साधन कृषि व वनोपज है। फील कोल बेनिफिकेशन से दोनो ही प्रभावित हो रहा है जिसका सीधा असर ग्रामीणों के आजीविका के साधन पर पड़ रहा है। इसको लेकर ग्रामीणों में आक्रोश पनप रहा है। ऐसा नहीं है कि इसको लेकर ग्रामीणों ने प्रशासन को अवगत न कराया हो। पूर्व में कई बार यहां से फैलने वाले प्रदूषण को लेकर प्रशासन व संबंधित विभाग को अवगत कराया गया हैे लेकिन कार्रवाई के नाम पर खानापूर्ति कर दिया जाता है।
ग्रामीणों से नहीं लिया सहमति
फील कोल बेनिफिकेशन अपने कार्य की पद्वति को बदलते हुए अब वॉस कोल पर काम करने की तैयारी में है इसके साथ ही क्षमता में भी बढ़ोत्तरी करने जा रही है। इसको लेकर प्रभावित ग्राम पंचायत से सहमति भी नहीं लेने की बात कही जा रही है। इसके कारण पंचायत प्रतिनिधि और ग्रामीणों में काफी आक्रोश है।
एनओसी पर उठ रहा है सवाल
फील कोल बेनिफिकेशन के प्रदूषण के कारण कृषि जमीन व वनोपज प्रभावित होने की बात काफी पहले से सामने आ रही है। साथ ही उक्त क्षेत्र में एलिफेंड कारीडोर भी है इसके बाद भी वन विभाग द्वारा इसके विस्तार के लिए एनओसी दिया जाना समझ से परे है।

