
वर्तमान समय मे परीक्षाओं को लेकर सरकार द्वारा ऐसी असमंजस की स्थिति निर्मित कर दी गई है जिससे पूरे छत्तीसगढ़ का छात्र परेशान है,युवा छात्र नेता सौरभ नामदेव कहते है कि कॉलेज में होने वाले परीक्षा पर एक तरफ छत्तीसगढ़ सरकार के तरफ से पहले सुनाई पड़ता है कि परीक्षाएं ऑफलाइन ही होगी फिर दूसरी तरफ ऐसा माहौल बनाया जाता है जिससे लगता है कि परीक्षाएं ऑनलाइन होगी पर इनसब के बीच चिंता विषय यह है कि इनसब खबरों से छात्रों के अध्ययन में फर्क पड़ रहा है छात्र एक तरफ ऑनलाइन परीक्षा सुन रहा है वहीं दूसरी तरफ ऑफलाइन ऐसे में ये तो साफ है कि कुल मिलाकर नुकसान छात्र का ही होना है क्योंकि यदि परीक्षाए ऑफलाइन हुई तो हम सभी जानते है छात्रो को ज्यादा मेहनत करने की आवश्कता पड़ेगी जिसके लिए छात्रो के पास पर्याप्त समय होने की अनिवार्यता होगी पर अब आज के स्थिति में न तो छात्रो के पास पर्याप्त समय है न ही कोई ठोस आधिकारिक सूचना जिसे मान कर हम अपनी परीक्षाओं की तैयारी में जुट सके। यदि परीक्षा ऑफलाइन होनी है तो सरकार को अधिकारीक सूचना जारी करना चाहिए जिससे हम अपनी पढ़ाई और मजबूत एवं ऑफलाइन परीक्षा की मानसिकता के साथ कर सके पर सरकार द्वारा ऐसा रुख समझ से परे है। छत्तीसगढ़ उच्च शिक्षा विभाग अभी तक परीक्षा इतने नजदीक आने पर भी छात्रों की परेशानी का से अवगत नहीं है यह शासन की कार्यशैली पर भी प्रश्न चिन्ह है।
छात्रों को ऑफलाइन और ऑफलाइन परीक्षा के बीच फ़र्क़ समझाने की आवश्कता है, हम देखते है कि पिछले कोरोना काल मे प्रत्येक गतिविधि प्रभावित रही थी जिसमे सबसे ज्यादा प्रभावित शिक्षा का क्षेत्र हुआ था ऑनलाइन परीक्षा केवल आपातकाल में लिया हुआ निर्माण था जिसे आज की सामान्य हो चुकी परिस्थिति में बिल्कुल भी विकल्प के तौर पर नहीं देखा जा सकता, वर्तमान परिस्थिति में छात्र के मन मे बस यही सवाल है कि परीक्षा ऑफलाइन होगी या ऑनलाइन हमारी सरकार से यहीं अपील है कि सरकार को जल्द से जल्द अपना रुख साफ करना चाहिए जिससे छात्र अपना बचा हुआ समय अपनी परीक्षा की तैयारी में लगा सके।

