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शौर्य दिवस के रूप में मनाया जाएगा कर्नल विप्लव त्रिपाठी का बलिदान दिवस..पत्नी अनुजा, पुत्र अबीर समेत हुए थे मणिपुर में शहीद… रायगढ़ जिले के शहीद परिवारों का सम्मान, चित्रकला प्रतियोगिता, श्रद्धांजलि सभा का होगा आयोजन..

रायगढ़:-

देश के लिये परिवार समेत अपना सर्वस्व न्यौछावर करने वाले रायगढ़ के सपूत बलिदानी कर्नल विप्लव त्रिपाठी का बलिदान दिवस गुरुवार 13 नवंबर को शौर्य दिवस के रूप में मनाया जाएगा। वीर शहीद कर्नल विप्लव त्रिपाठी, वीर नारी अनुजा त्रिपाठी और बालवीर अबीर त्रिपाठी के बलिदान दिवस पर विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। प्रातः शहीद कर्नल विप्लव त्रिपाठी स्टेडियम में स्थापित उनकी प्रतिमा में पुष्पांजलि का कार्यक्रम होगा। इसके बाद बालवीर अबीर उद्यान में स्थापित शहीद अबीर त्रिपाठी की प्रतिमा पर और उद्यान के समीप उनकी समाधि स्थल पर पुष्पांजलि अर्पित की जाएगी।

इसके पश्चात कमला नेहरू पार्क में 9 बजे से बच्चों की चित्रकला प्रतियोगिता का आयोजन किया गया है। अंत में शाम के सत्र में रायगढ़ जिले के 12 शहीद परिवारों का सम्मान किया जायेगा। इस आयोजन में शामिल होने के लिए शहीद कर्नल विप्लव त्रिपाठी मेमोरियल ट्रस्ट की तरफ़ से शहरवासियों को आमंत्रित भी किया गया है। इस आयोजन में दिव्य शक्ति, अग्रसेन सेवा संघ, जेसीआई,मॉर्निंग वॉकर सोसायटी, बजरंग दल, अमेचर कबड्डी संघ, संस्कार पब्लिक स्कूल, प्रेस क्लब, इप्टा, प्रगतिशील लेखक संघ, बैंकर्स एसोसिएशन (रिटा.), कहानीबाज़ थियेटर सोसायटी, गुड़ी सामाजिक एवं सांस्कृतिक संस्थान जैसी संस्थाओं की भागीदारी भी सुनिश्चित की गई है। चित्रकला उत्सव के लिए स्कूलों से इच्छुक प्रतिभागियों (10 से 16 वर्ष उम्र समूह) की सहभागिता के लिए शहीद कर्नल विप्लव त्रिपाठी मेमोरियल ट्रस्ट द्वारा आग्रह किया गया है।

कर्नल विप्लव त्रिपाठी ने परिवार समेत दिया बलिदान
स्वतंत्रता संग्राम सेनानी और संविधान निर्मात्री सभा के सदस्य पंडित किशोरी मोहन त्रिपाठी के पौत्र कर्नल विप्लव 12 नवंबर 2021 को अपनी पत्नी अनुजा और बेटे अबीर के साथ मणिपुर के चूड़ाचांदपुर में सिंघट पोस्ट पर सीमा निरीक्षण के लिए गए थे। आर्मी विमेन वेलफेयर एसोसिएशन की प्रमुख होने के नाते उनकी पत्नी अनुजा अपने पुत्र अबीर के साथ वहां गई थी। जानकारी के मुताबिक उसी शाम उन्हें वापस बेस लौटना था। लेकिन किसी कारणवश उन्हें अगले दिन तक रुकना पड़ा। अगले दिन यानी 13 नवंबर को कर्नल विप्लव बेस कैंप के लिए जब लौट रहे थे इस दौरान घात लगाए उग्रवादी उनके काफिले पर हमला कर दिया। इस हमले में कर्नल विप्लव सहित पांच जवान शहीद हो गए। उनकी पत्नी अनुजा और बेटे की भी मौत हो गई। देश के सैन्य इतिहास में यह अपने आप में पहली घटना है जब उग्रवादियों ने एक कर्नल की उसके परिवार समेत हत्या कर दी हो। शहीद कर्नल विप्लव त्रिपाठी आज देश के हर एक घर की शान है और युवाओं के प्रेरणास्त्रोत भी।

रायगढ़ नहीं पूरे देश के गौरव शहीद कर्नल विप्लव त्रिपाठी
शहीद कर्नल विप्लव त्रिपाठी का जन्म 20 मई 1981 को रायगढ़ के जिला चिकित्सालय में हुआ। उनकी माता श्रीमती आशा त्रिपाठी और पिता श्री सुभाष चंद्र त्रिपाठी हैं। उनके छोटे भाई कर्नल अनय त्रिपाठी भारतीय सेना में अपनी सेवाएं दे रहे हैं। शहीद कर्नल विप्लव त्रिपाठी की प्राथमिक शिक्षा कॉर्मल कॉन्वेंट स्कूल में हुई इसके बाद वह उन्होंने सैनिक स्कूल में रीवा से हायर सेकेंडरी की शिक्षा पूरी की। राष्ट्रीय रक्षा अकादमी पुणे में तीन वर्ष शिक्षा प्राप्त करने के बाद भारतीय सैन्य अकादमी देहरादून से 2003 में पास आउट होने के बाद उन्हें लेफ्टिनेंट के पद पर भारतीय सैन्य सेवा में कमीशन प्राप्त हुआ वह कुमाऊँ रेजिमेंट के ऑफिसर बने। उनकी पहली पोस्टिंग सियाचिन में हुई। कुपवाड़ा में विप्लव के मार्गदर्शन में भारतीय सेना के जवानों ने पाकिस्तान की ओर से घुसपैठ करने वाले 6 आतंकवादियों को मार गिराया था। मेजर के पद पर पदोन्नत होने के बाद आईएमए देहरादून में इंस्ट्रक्टर के पद पर पदस्थना हुई। वहीं पदस्थ रहते हुए उनका विवाह बिलासपुर की अनुजा शुक्ला से हुई। आईएमए में पदस्थ रहते हुए ही उनकी यूनिट को संयुक्त राष्ट्र की शांति सेना के लिए दक्षिण अफ्रीका के कांगों में भेजा गया जहां वे एक साल तक रहे। लौटने के बाद उनकी पदस्थापना लखनऊ में हुई। जहां उन्हें 5 फरवरी 2015 को पुत्ररत्न अबीर त्रिपाठी के रूप में प्राप्त हुआ। 2016 में कर्नल विप्लव त्रिपाठी और उनके छोटे भाई कर्नल अनय त्रिपाठी दोनों का चयन एक साथ आर्मी स्टॉफ कॉलेज वेलिंगटन के लिए हुआ था। वेलिंगटन में रहते हुए ही उन्हें कर्नल के पद पर पदोन्नत कर दिया गया था। इनको मथुरा स्ट्राइक कोर 1 में जनरल स्टाफ ऑफिसर 1 के रूप में पदस्थ किया गया। जुलाई 2019 में उनका चयन कमांड ऑफिसर के पद पर 46 असम राईफल्स आइजोल(मिजोरम) में हुआ। यहां उन्होंने तस्करों के खिलाफ धड़ाधड़ कार्रवाई शुरू कर दी। कर्नल विप्लव की इस उपलब्धि पर वहां के राज्यपाल ने कर्नल विप्लव को न केवल पुरस्कृत और सम्मानित किया था बल्कि एक एन्टी ड्रग स्कॉड के गठन के लिए भी उन्हें जिम्मेदारी दी थी। आइजोल से जून 2021 में इनकी पूरी बटालियन को आतंकवाद प्रभावित इलाका मणिपुर के खुगा में भेजा गया।
उनकी टीम ने 40 करोड़ रूपये से अधिक कीमत के हेरोइन से लदे एक ट्रक को पकड़ लिया था। 12 नवंबर 2021 को कर्नल विप्लव अपनी पत्नी अनुजा और पुत्र अबीर के साथ म्यांमार सीमा से लगे बेहांग बॉर्डर पर स्थित भारतीय पोस्ट के निरीक्षण के लिए गए हुए थे। 13 नवंबर को जब कर्नल विप्लव त्रिपाठी अपने काफिले के साथ वापस अपने मुख्यालय लौट रहे थे तब बेहांग पोस्ट और दूसरी पोस्ट के बीच आतंवादी संगठन द्वारा लगाए गए एंबुश में फंस गए। अलगाववादियों ने आईडी लगाकर उनके पायलट वाहन को उड़ा दिया और उसके बाद दोनों तरफ से कर्नल विप्लव जिस वाहन में थे उसमें गोलियों की बौछार कर दी। तब भी कर्नल विप्लव त्रिपाठी अपनी कारबाइन और सर्विस रिवाल्वर की आखिरी गोली तक अलगवावादियों का मुकाबला करते रहे लेकिन अंतत: अपनी पत्नी अनुजा और पुत्र अबीर के साथ वीरगति को प्राप्त हो गए।

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