
सारंगढ़/रायगढ़ । 5 सौ एकड़ के विशाल चुना पत्थर खदान के लिए जन सुनवाई को लेकर एक तरफ जिला प्रशासन जुटा हुआ है तो वहीं दुसरी ओर स्थानीय जन खदान खुलने का पुरजोर तरीके से विरोध कर रहे हैं। स्थानीय लोग इस विशाल खदान के आरंभ होने कई तरह की परेशानियों में घिर जायेंगे और दूसरी ओर पर्यावरण पर व्यापक पैमाने पर विपरीत असर पड़ेगा। 500 एकड़ में चुना पत्थर खदान खुलने को लेकर जनसुनवाई हेतु विधिवत प्रकाशन हुआ ग्रामीणों के आक्रोश तेजी से पनप गया ग्रामीण प्रभावित इसके खिलाफ खुलकर सामने आ गए प्रभावितों के साथ स्थानीय विधायक उत्तरी जांगड़े समेत स्थानीय जनप्रतिनिधिगण भी खुलकर प्रभावित ग्रामीणों समेत आसपास के ग्रामीण खदान खुलने और इसके भयावह दुष्परिणाम को लेकर मुखालफत में उतर गए। अब देखना है की आम जनता की जीत होती है या फिर नौकरशाही के आगे नतमस्तक होते हैं। अब देखना हैं कि एक आम जनता की गुहार कहा तक पहुंचती है, क्या उनकी आवाज नौकरशाही तक पहुंच पाती है या फिर जनता से जुड़ी एक गंभीर आवाज लाल फीता शाही के आगे भी नतमस्तक हो जाता है।

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लाइमस्टोन के ओपन माइंस खोलने वाली कंपनी ग्रीन सस्टेनेबल को लेकर प्रभावित क्षेत्रों में जबरदस्त विरोध देखने मिल रहा है। प्रभावित ग्रामीणों ने सारंगढ़ जिला कलेक्टर से भी करीब हफ्ते भर पहले इसकी पर्यावरण जनसुनवाई रद्द करने की मांग की थी। लेकिन ऐसा न होने पर गत दिवस सैकड़ो ग्रामीणों ने सारंगढ़ तहसील कार्यालय से कलेक्ट्रेट तक इसके विरोध में रैली निकाली। प्रभावित ग्रामीणों के साथ स्थानीय सरपंच जिला पंचायत और विधायक भी इसका पुरजोर विरोध कर रहे हैं लेकिन प्रशासन जनसुनवाई कराने की जिद्द पर अड़ा हुआ हैं।सारँगढ़ विकासखंड़ के लालाधुरवा, जोगनीपाली, धौराभांठा, कपिस्दा “ब”, सरसरा के सैकड़ो ग्रामीणों के साथ सारँगढ़ विधायक उतरी गनपत जांगड़े और सारँगढ़ जनपद अध्यक्ष ममता राजीव सिंह सहित जनपद सदस्य एवम युवा कांग्रेस सारँगढ़ नगर में रैली निकालकर कलेक्टर कार्यालय के बाहर जमकर नारेबाजी करते विरोध प्रदर्शन किया आक्रोशित ग्रामीणों ने कलेक्ट्रेट परिसर में धरने पर बैठ गए थे।

दरअसल ग्रीन सस्टेनेबल मैनुफैक्चरिंग प्रायवेट लिमिटेड द्वारा प्रस्तावित लाईम स्टोन खदान स्थापना के पूर्व दिनांक 24/09/2025 को जाने वाली जनसुनवाई के विरोध में क्षेत्रवासियों द्वारा आज प्रदर्शन, घेराव व जन आंदोलन करने के सम्बंध में कलेक्टर को सौपा ज्ञापन जिसमे ग्रीन सस्टेनेबल मैनुफैक्चरिंग प्रायवेट लिमिटेड द्वारा हमारे क्षेत्र में लाईम स्टोन खदान स्थापना हेतु भूमि अधिग्रहण करने के पूर्व क्षेत्रवासियों के कड़े विरोध के उपरांत भी औपचारिकता पूर्ण करने हेतु जनसुनवाई किया जाना है।चूंकि उक्त क्षेत्र के हम कृषकगण एवं आम जन, लाईम स्टोन हेतु अपना भूमि नहीं देना चाहते हैं और न ही किसी प्रकार से कोई उद्योग चाहते हैं।
जनसुनवाई के विरोध में माननीय उच्च न्यायालय छत्तीसगढ़ बिलासपुर में एक याचिका प्रस्तुत किया गया है जिसका केस नंबर WPC 25753/2025 व प्रस्तुति दिनांक 18/09/2025 है, जिसकी सुनवाई होना वर्तमान में लंबित है तथापि याचिका के लंबनकाल में भी जनसुनवाई किया जा रहा है, जो कि न्याय सिद्धांत के विपरीत है।
वही ग्रामीणो ने बताया कि प्रभावित ग्राम अंतर्गत आने वाले ग्राम धौराभांठा स्थित अधिग्रहित भूमियों के संबंध में प्रकरण माननीय न्यायालय श्रीमान् व्यवहार न्यायाधीश सारंगढ़ के समक्ष सिविल वाद क्रमांक ए/49/2023 के रूप में लंबित है तथा वाद भूमि के संबंध में न्यायालय द्वारा रोक लगाया गया है, जिसका भी सर्वे कंपनी के द्वारा किया गया है। फिर भी लाईम स्टोन खदान के स्थापना हेतु पर्यावरण विभाग द्वारा कंपनी का पक्ष लेकर व कंपनी के दबाव प्रभाव में आकर गलत सर्वे किया गया है।
जिनके द्वारा तथाकथित अधिग्रहित भूमियों में लगे हरे-भरे खड़े वृक्षों की वास्तविक संख्या का जिक्र नहीं किया गया है और प्रभावित क्षेत्र में आने वाले स्कूल, मुक्तिधाम व अन्य निस्तारी व्यवस्था का उल्लेख नहीं किया गया है।

