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सोनिया नगर में चल रही “मौत की क्लिनिक” का आखिर क्या है पुटकापुरी कनेक्शन..किसने दिए संकेत तो आरोपी डॉक्टर ने दिया ब्लैंक चेक और कैश..क्यों दब गया ये मामला..श्मशान घाट पहुंची पुलिस ने अब तक क्या किया..?बिना पोस्टमार्टम के कैसे हो गया दाह संस्कार.. सीएमएचओ ने क्यों कहा बहुत बड़ा मामला है ये..पढ़िए पूरी खबर..

रायगढ़..गुजरे इतवार को सोनिया नगर क्षेत्र में स्थित नेचुरो क्लिनिक में डॉक्टर भुवनेश्वर साहू के द्वारा लगाए गए इंजेक्शन के बाद हुई भोला यादव की मौत के मामले ने अब तूल पकड़ना शुरू कर दिया है।दरअसल डॉक्टर भुवनेश्वर साहू के इलाज के बाद हुई यह पहली मौत नहीं है।मोहल्लेवासियों के बताए मुताबिक एक छोटी बच्ची सहित अब तक छह लोग इस झोलाछाप डॉक्टर के गलत इलाज के बाद अपनी जान गंवा चुके हैं।बता दें कि अपनी डॉक्टरी की डिग्री छिपा कर,जिला स्वास्थ एवं चिकित्सा विभाग से बिना अनुमति लिए डॉक्टर भुवनेश्वर साहू पिछले एक दशक से भी ज्यादा समय से इस क्षेत्र में फर्जी तरीके से इलाज करते हुए सोनिया नगर क्षेत्र में मौत का तांडव मचाते आ रहे हैं। और इनके इस गलत और फर्जी इलाज की वजह से ही अब तक छह लोगों की मौत हो चुकी है।

किसकी सरपरस्ती में चल रहा है यह गोरखधंधा..

बताया जा रहा है कि किसी बड़े दवा डीलर का इस फर्जी डॉक्टर को शह मिला हुआ है।और इसी बड़े दवा डीलर की सरमायेदारी में ही नेचुरो क्लिनिक में फर्जी इलाज का गोरखधंधा चल रहा है।इस बड़े दवा डीलर की ज्यादातर दवाईयां इसी क्लिनिक में खपाई जाती है।डॉक्टर भुवनेश्वर साहू ही इस बड़े डीलर की दवाइयों को अपने बिना अनुमति लिए चलाए जा रहे क्लिनिक में खपाता है।अगर नेचुरो क्लिनिक में छापेमार कार्यवाही की जाए और वहां लगे सीसीटीवी कैमरे की जांच की जाए तो सारी सच्चाई सामने आ जाएगी..

पुटकापुरी क्षेत्र से किसने दिया “संकेत” तो डॉक्टर ने दे दिया ब्लैंक चैक और कैश..

बताया जा रहा है कि डॉक्टर भुवनेश्वर साहू द्वारा गलत इंजेक्शन लगाए जाने के बाद हुई भोला यादव की मौत के बाद मृतक के घर में डॉक्टर भुवनेश्वर साहू के साथ ये तथाकथित दवा डीलर भी मौजूद था।और वहां बिगड़ती स्थिति को कंट्रोल करने में लगा हुआ था।पूरे मामले को मैनेज करने में दवा डीलर की अहम भूमिका बताई जा रही है। दवा डीलर के संकेत के बाद ही कैश और ब्लैंक चैक का खेल हुआ है।

सीएमएचओ ने कहा बड़ा मामला है क्लिनिक होगी सील..

सीएमएचओ अनिल जगत ने कहा है कि नेचुरो क्लिनिक को उनके विभाग की तरफ से अनुमति नहीं मिली है।वहीं दूसरी ओर उन्होंने यह भी कहा कि डॉक्टर भुवनेश्वर साहू को इंजेक्शन लगाने का भी कोई अधिकार नहीं है।बता दें कि भोला यादव की मौत इंजेक्शन लगाने के बाद ही हुई है।और इस बात को डॉक्टर भुवनेश्वर साहू ने खुद मीडिया के सामने कैमरे पर कबूल किया है।बहरहाल सीएमएचओ ने क्लिनिक को सील करके वैधानिक कार्यवाही किए जाने की बात कही है।

बिना पोस्टमार्टम के हो गया अंतिम संस्कार..पुलिस अब तक मौन..

इस पूरे मामले में अब तक पुलिस का पक्ष सामने नहीं आ पाया है।घटना के बाद से डॉक्टर भुवनेश्वर साहू क्लिनिक में ताला जड़कर फरार हो गया है।घटना के दूसरे दिन कोतवाली पुलिस मृतक के घर पहुंची थी।पुलिस के पहुंचने के पहले मृतक का अंतिम संस्कार करने के लिए उसके परिजन मुक्तिधाम पहुंच चुके थे।पुलिस जब मुक्तिधाम पहुंची तब तक मृतक का दाह संस्कार हो चुका था।ऐसे में पुलिस ने मुक्तिधाम में ही कुछ लोगों का बयान लिया और वापस आ गई।अब ऐसे में सवाल यह उठता है कि मामला जब संदिग्ध था तो मृतक का पोस्टमार्टम क्यों नहीं कराया गया।अंतिम संस्कार की इतनी जल्दी क्या थी।हो हल्ला मचाने वाले लोग इतनी जल्दी शांत क्यों हो गए।उस मोहल्ले में डॉक्टर भुवनेश्वर साहू के इंजेक्शन से अब तक छह लोगों की मौत हो चुकी है तो फिर इस डॉक्टर के विरुद्ध जांच तो जरूरी है।

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