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निर्धन कन्या सामूहिक विवाह का उद्देश्य सामाजिक एकता व सहयोग की भावना को बढ़ावा :- बाबा प्रियदर्शी राम….झारखंड के गढ़वा में 51 बेटियों के निःशुल्क सामूहिक विवाह के आयोजन में पूज्य प्रियदर्शी राम….ब्रम्हलीन अघोर मूर्ति कर्मयोगी श्रद्धेय भैया जी की अंतिम इच्छा के अनुरूप प्रेरणा परमार्थ आश्रम का संचालन पूज्य प्रियदर्शी राम जी के कर कमलों के जरिए होगा

रायगढ़:- झारखंड राज्य के वनांचल डेंटल कॉलेज गढ़वा में 51 बेटियों का नि:शुल्क सामूहिक विवाह आयोजन के दौरान पूज्य बाबा प्रियदर्शी राम जी ने कहा निर्धन कन्या सामूहिक विवाह का उद्देश्य सामाजिक एकता व परस्पर सहयोग की भावना को बढ़ावा देना है।सामूहिक विवाह का आयोजन प्रेरणा परमार्थ आश्रम प्रयागराज के सौजन्य से हर वर्ष संपन्न होता है। सामूहिक विवाह की शुरुआत अघोर मूर्ति कर्मयोगी श्रद्धेय श्री भैया जी के जरिए की गई थी। उनकी अंतिम इच्छा का सम्मान करते हुए उनके ब्रम्हलीन होने के बाद आश्रम की मानव सेवी गतिविधियां पूज्य बाबा प्रियदर्शी राम जी के कुशल निर्देशन में संचालित हो रही है। अघोर गुरु पीठ ट्रस्ट बनोरा के संस्थापक बाबा प्रियदर्शी राम जी ने कहा निर्धन कन्या के सामूहिक विवाह आयोजन से समाज को नई दिशा मिल सकेगी। समाज की अंतिम पंक्ति में खड़े बेबस लोगों के लिए परिवार में जन्मी बेटी की शादी खर्चीली होने की वजह से बड़ी कठिन चुनौती है ।

आर्थिक विपन्नता की वजह से गरीब माता पिता रीति रिवाज से बेटी की शादी करा पाने में सक्षम नहीं होते। ऐसी विषम परिस्थिति में निर्धन कन्या का सामूहिक विवाह का आयोजन गरीब माता पिता की बेटियों की शादी की चिंता दूर करने में मददगार साबित होगा।इस आयोजन का उद्देश्य केवल आर्थिक रूप से कमजोर परिवार की बेटियां के विवाह संस्कार को विधि वत संपन्न करने में मदद करना है ऐसे आयोजन से समाज में एकता और परस्पर सहयोग की भावना बढ़ेगी। यह आयोजन आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों को विवाह के

अनावश्यक खर्च से मुक्ति दिलाएगा। शादी में होने वाले खर्च से मुक्त होने पर गरीब माता पिता अपने भविष्य के लिए आवश्यक बचत कर सकते हैं। सामूहिक विवाह के दौरान विभिन्न समाज धर्म से जुड़े लोग एक छत के नीचे विवाह आयोजन में शामिल होते है इससे समाज में एकता और सहयोग की भावना को बढ़ावा मिलता है। विवाह में शामिल होने वाले विभिन्न धर्म जाति के लोग एक दूसरे के साथ जुड़ते हैं और सामाजिक बंधन मजबूत होता हैं। पूज्य बाबा प्रियदर्शी राम जी ने कहा सामूहिक विवाह में समाज के विभिन्न वर्गों के लोग एक साथ आते हैं और अपनी जिम्मेदारी को साझा करते हैं।जिससे समाज में एक सकारात्मक परिवर्तन नजर आयेगा। निर्धन कन्या सामूहिक विवाह के पूर्व ऐसे

परिवारों का पंजीयन कराया जाता है । धन की कमी की वजह शादी नहीं करा पाने वाले परिवार इस आयोजन में शामिल हो सकते है।ऐसे परिवारों को चिन्हित कर उनकी सहमति से यह सामूहिक विवाह किया जाता है। विवाह के पश्चात बेटियों को जीवन यापन हेतु आवश्यक विवाह सामग्री कपड़े बर्तन सहित घरेलू उपयोग में आने वाली सामग्री देकर सम्मान पूर्वक विदा किया जाता है। धन में कमी से विवाह से वंचित होने वाली बेटियां इस आयोजन में शामिल होने के बाद सुखमय गृहस्थ जीवन की

शुरुआत कर सकती है।निर्धन कन्या सामूहिक विवाह आयोजन क्षेत्र में दहेज उन्मूलन में भी अहम भूमिका निभा रहा वही बेटियों की शादी को लेकर गरीब माता पिता की चिंता को दूर करने में मददगार भी साबित हो रहा है।

बाबा प्रियदर्शी राम जी के कर कमलों से होगा प्रेरणा परमार्थ आश्रम प्रयाग राज का संचालन

मानव सेवी संस्था प्रेरणा परमार्थ आश्रम प्रयाग राज की स्थापना अघोर मूर्ति कर्मयोगी श्रद्धेय भैया जी के जरिए की गई थी। समाधि लेने के पूर्व ब्रह्मालीन भैया ने अपने भक्तों के समक्ष इच्छा जाहिर करते हुए कहा था कि उनके बाद पूज्य बाबा प्रियदर्शी राम जी के कर कमलों से प्रेरणा परमार्थ आश्रम प्रयाग राज का संचालन हो । उनकी अंतिम इच्छा का सम्मान करते हुए वर्तमान में इस संस्था में मानव सेवी कार्यों का संचालन अघोर गुरु पीठ बनोरा के संस्थापक पूज्य बाबा प्रियदर्शी राम की के कर कमलों से हो रहा है।

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