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अटल बिहार हाऊसिंग समिति पर लाखों रुपए के घोटाले करने का आरोप..प्रशासनिक जांच टीम बाहरी युवकों के हुडदंग के बाद बैरंग वापस लौटी… कहीं कोई घोटाला नही, हर जांच को तैयार : तत्कालीन समिति पदाधिकारीगण , सवाल : कौन थे बाहरी युवक …??

रायगढ़। शहर के कोतरारोड स्थित अटल बिहार हाऊसिंग बोर्ड द्वारा गठित समिति में कथित रुप से लाखों रुपए की गड़बड़ी की शिकायत सामने के बाद वितमंत्री ओपी चौधरी के निर्देशानुसार सहकारिता विभाग द्वारा गठित जांच समिति ने अपनी जांच शुरू कर दी है इसी कड़ी में बीते कल मंगलवार को कॉलोनी पहुंची जांच टीम को बैरंग वापस लौटना पड़ गया। इस मामले में सूत्रों से मिली जानकारी की मानें तो जैसे ही जांच टीम द्वारा कॉलोनी पहुंचकर कॉलोनी वासियों को बयान दर्ज कराने बुलाया तभी 15-20 बाहरी युवकों की एक टोली आवांछित रूप से वहां आ धमकी..जो आते ही अनर्गल बयानबाजी करने लगे जिससे वहां बयान दर्ज कराने आए कॉलोनीवासियों और बाहरी युवकों के मध्य तनाव की स्थिति उत्पन्न हो गई और जांच टीम के अफसरों को बैरंग वापस लौटना पड़ गया।

क्या है पूरा मामला …

छग हाऊसिंग बोर्ड द्वारा कोतरारोड अटल बिहार योजना के तहत 496 मकानों का निर्माण कराया गया है जिसके विकास और रखरखाव हेतु 1 करोड़ रुपए हाऊसिंग बोर्ड के पास जमा थी जिसे कॉलोनी की समिति गठित होने के बाद सुरक्षा निधि के नाम पर बनाए गए फंड को कॉलोनी के विकास और रखरखाव हेतु समिति को हस्तांतरित कर दिया गया था लेकिन अब कॉलोनी में ही रहने वाले कुछेक लोगों द्वारा वित्तमंत्री ओपी चौधरी से लिखित शिकायत की गई है कि समिति के सक्षम पदाधिकारियों द्वारा लाखों रुपए की धांधली की गई है जिसके बाद मंत्री ओपी चौधरी ने कथित घोटाले के निष्पक्ष जांच कराने हेतु सहकारिता विभाग के उपायुक्त श्री जायसवाल को निर्देशित किया गया है और इसी तारतम्य में सहकारिता विभाग के उपायुक्त जायसवाल द्वारा दो विस्तार अधिकारियों की अगुवाई में एक जांच टीम का गठन किया गया है जिनके द्वारा गत 15 सितंबर को शिकायतकर्ताओं के बयान लेने बाद समिति के तत्कालीन अध्यक्ष, सचिव और कोषाध्यक्ष को नोटिस जारी

करते हुए रोकड़ पंजी, पंजीयन पंजी, कार्यवाही पंजी, जनरल लेजर, वसूली पंजी, आय व्यय से संबंधित जरूरी सभी प्रमाणिक दस्तावेज और बैंक स्टेटमेंट सहित अन्य आवश्यक दस्तावेज के साथ प्रस्तुत होने को कहा गया था जिसमें तत्कालीन समिति के अध्यक्ष और सचिव द्वारा सभी आवश्यक दस्तावेज जांच समिति को उपलब्ध कराए जाने की बात सामने आई है और अगर कॉलोनी के रखरखाव समिति के तत्कालीन पदाधिकारियों की मानें तो उनके द्वारा आय व्यय से संबंधित वर्ष 20-21, 21-22 का ऑडिटेड प्रमाणिक दस्तावेज जांच समिति को सौप दिया गया है और वर्ष 22-23 के दस्तावेज की ऑडिटिंग वर्तमान में प्रक्रियाधीन है जो जांच समिति को जल्द उपलब्ध करा दी जायेगी।

कौन थे बाहरी टोली में शामिल युवक ?

इस बीच कल जब जांच समिति के अफसर कॉलोनी पहुंचकर वहां निवासरत लोगों का बयान लेने चाह रहे थे तभी अचानक 1520 बाहरी युवकों की एक टोली वहां आ गई थी जिनके द्वारा अनर्गल नारेबाजी किए जाने से कॉलोनीवासियों का औपचारिक बयान जांच समिति के अफसर दर्ज ही नही कर पाए थे इस बीच अब यह सवाल उठ रहा है कि आखिर प्रशासनिक आला अफ़सर के नेतृत्व में चल रही निष्पक्ष जांच को कौन प्रभावित करना चाह रहा है…? यह सवाल इसलिए भी लाज़िमी हो जाता है क्योंकि तत्कालीन समिति के सभी पदाधिकारीगण प्रशासनिक जांच में पूरा पूरा सहयोग कर रहे है और न सिर्फ जांच टीम द्वारा आहूत दस्तावेज को उपलब्ध करा रहे है बल्कि उनके द्वारा निर्देशित सभी बातों का अक्षरशः पालन भी कर रहे है ..ऐसे में अब कॉलोनी में ही जनचर्चा हो रही है कि कॉलोनी के ही कुछेक असंतुष्ट लोगों के द्वारा बाहरी युवकों को बुलाकर जांच को प्रभावित करने का कुत्सित प्रयास किया गया था ….

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