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विकास यात्रा हेतु कृष्ण पक्ष समाप्त शुक्ल पक्ष का शुभारंभ….हुआ सुशासन का सूर्योदय:- वित्त मंत्री ओपी….बजट पेश करने के दौरान रायगढ़ विधायक एवम वित्त मंत्री ओपी चौधरी द्वारा दिया गया संबोधन….

छत्तीसगढ़ की जनता – जनार्दन ने कुशासन के खिलाफ मुहर लगाकर हमें छत्तीसगढ़ महतारी की सेवा करने का अवसर प्रदान किया है। ऐतिहासिक जनादेश द्वारा प्रकट किए गए स्नेह और विश्वास के लिए हम छत्तीसगढ़ के 03 करोड़ लोगों का हृदय की गहराइयों से आभार व्यक्त करते हैं और छत्तीसगढ़ को विकास की नई ऊँचाइयों तक ले जाने की प्राण प्रतिज्ञा करते हैं।
हमारे चारों ओर चुनौतियों का घना अँधेरा है। महिलायें कानून-व्यवस्था की बिगड़ी स्थिति का शिकार रहीं। युवा मन अविश्वास और आशंकाओं से ग्रसित रहा। प्रशासनिक तंत्र पटरी से उतरा रहा और राजकीय खजाना हमें खाली मिला। पर, हम अंधेरों के बीच उजाले के तलाश की ताकत रखते हैं। चुनौतियों का अंधेरा हमें स्वर्गीय बच्चन जी की इन पंक्तियों का स्मरण कराता है :-

पर किसी उजड़े हुए को फिर बसाना कब मना है,
है अँधेरी रात पर दीया जलाना कब मना है

यह हमारा सौभाग्य है कि देश के अमृत काल में भारत को दुनिया का सुपर पावर बनाने के लिये माननीय प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व में किये जा रहे क्रांतिकारी कार्यों को हमारी पीढ़ी देख रही है और उसमें सहभागिता भी निभा रही है। माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी की अथक ऊर्जा यदि हमारे लिए प्रेरणा का स्रोत है तो सहज-सरल मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय जी का कुशल नेतृत्व हमारी ताकत ।
आज देश अमृत काल में नई ऊर्जा और नए विश्वास के साथ आगे बढ़ रहा है। पूरी दुनिया आज भारत की ओर निहार रही है। विकसित भारत का सुस्पष्ट लक्ष्य सबके सामने है, लेकिन दुर्भाग्य के साथ कहना पड़ता है कि छत्तीसगढ़ के विकास को ग्रहण लग गया था। भ्रष्ट और स्वार्थपरक ताकतों ने छत्तीसगढ़ को दबोच कर रखा था । चिंता होती थी कि भारत की इस विकास यात्रा में हमारे छत्तीसगढ़ का क्या होगा ? लेकिन लोकतंत्र की ताकत ने इन नकारात्मक शक्तियों को पराजित कर दिया ।


छत्तीसगढ़ की जनता की ऊँगलियों पर लगी स्याही ने छत्तीसगढ़ की विकास यात्रा के नये रास्ते खोल दिये हैं । विकास यात्रा का कृष्ण पक्ष समाप्त होकर शुक्ल पक्ष प्रारंभ हो चुका है । सुशासन का सूर्योदय हो चुका है। किसी सरकार के बजट को महज उसके आय-व्यय के लेखा-जोखा के रूप में ही नही पढ़ना चाहिए, बल्कि वह किसी सरकार के विजन का भी एक दस्तावेज होता है।छत्तीसगढ़ की विकास यात्रा के इस मोड़ पर सवाल उठता है कि हम छत्तीसगढ़ को आगे कहाँ लेकर जाना चाहते हैं । हमारी कमजोरियां क्या हैं ? हमारी ताकतें क्या हैं ? SWOT, Strengths, Weaknesses, Opportunities and Threats एनालिसिस में हमारे छत्तीसगढ़ के कौन-कौन से पक्ष उभर कर सामने आएंगे ? देश जब आजादी के 100 वर्ष पूरा करके विकसित राष्ट्र के रूप में पूरी दुनिया में स्थापित होगा तब हमारा छत्तीसगढ़ देश के अन्य राज्यों के साथ सकारात्मक प्रतिस्पर्धा करता हुआ कैसे आगे बढ़ेगा ?
इसके लिए एक स्पष्ट सपना, एक स्पष्ट लक्ष्य जरूरी है। उस लक्ष्य तक पहुंचने की रणनीति जरूरी है। एक रोड मैप जरूरी है
इसलिये हमने तय किया है कि छत्तीसगढ़ 2047 तक कैसे एक विकासशील राज्य से विकसित राज्य बनेगा, इसका दृष्टि- पत्र हम तैयार करेंगे। इस दृष्टि – पत्र का नाम होगा :- “अमृतकाल : छत्तीसगढ़ विजन @ 2047


“01 नवंबर सन् 2000 को भारत रत्न श्रद्धेय श्री अटल बिहारी वाजपेयी जी ने इस राज्य को बनाया था और इसी 01 नवंबर सन् 2024 में हमारे छत्तीसगढ़ को विकासशील से विकसित राज्य बनाने हेतु “अमृतकाल : छत्तीसगढ़ विजन @ 2047” डॉक्यूमेंट, हम राज्य की जनता को समर्पित करेंगे।
हमनें बनाया है, हम ही सवारेंगे !! मोदी जी कहते हैं कि हम बड़ा लक्ष्य बनाते हैं, उसे प्राप्त करते हैं और फिर उससे भी बड़ा लक्ष्य बनाते हैं। 2047 के दीर्घकालिक विजन तक पहुँचने से पहले हमें मध्यम अवधि के अर्थात् मिडटर्म टारगेट बनाने होंगे। जैसे मोदी जी देश की अर्थव्यवस्था के लिये मध्यम अवधि के टारगेट के रूप में 05 ट्रिलियन एवं 10 ट्रिलियन डॉलर इकोनॉमी का लक्ष्य रखकर चल रहेहैं ।आज हमारे छत्तीसगढ़ की जी. एस. डी. पी. लगभग 05 लाख करोड़ है इसे आने वाले 05 सालों मे वर्ष 2028 तक 10 लाख करोड़ करना हमारा मध्यावधि टारगेट होगा । यह मध्यावधि लक्ष्य, देश को दुनिया की तीसरी बड़ी अर्थव्यवस्था बनाने के मोदी जी के महायज्ञ में हमारा योगदान होगा। मोदी जी के “सहकारी संघवाद के सिद्धांत पर चलते हुए हम केन्द्र का सहयोग भी प्राप्त करेंगे और देश के विकास यात्रा में अपनी महती भूमिका भी निभायेंगे । छत्तीसगढ़ अब केन्द्र से टकराव वाले पिछले 05 वर्षों के मॉडल के स्थान पर डबल इंजन की सरकार में संघ – राज्य समन्वय से विकास का नया अध्याय लिखेगा ।

इस मध्यावधि लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए विधान सभा में आज आधारभूत 10 स्तंभो के रूप में सदन के समक्ष रखा गया जिनमे
1.GYAN : हमारे आर्थिक विकास के केन्द्र बिन्दु

  1. तकनीक आधारित रिफॉर्म और सुशासन से तीव्र आर्थिक विकास
    3 तमाम चुनौतियों के बीच अधिकाधिक पूंजीगत व्यय सुनिश्चित करना
  2. प्राकृतिक संसाधनों का उचित इस्तेमाल
  3. अर्थव्यवस्था के सेवा क्षेत्र की नयी संभावनाओं पर जोर
  4. सरकार की सारी क्षमताओं के अतिरिक्त निजी निवेश भी सुनिश्चित करना
  5. बस्तर – सरगुजाकी ओर भी देखो
  6. DDP : डिसेंट्रेलाइज्ड डेवलपमेंट पॉकेट्स
    9.छत्तीसगढ़ी संस्कृति का विकास
  7. क्रियान्वयन का महत्व
    शामिल है।
    GYAN: हमारे आर्थिक विकास के केन्द्र बिन्दु है
    मोदी जी की विजनरी नजर समाज को चार स्वरूपों में देखती है
    G अर्थात गरीब
    Y अर्थात्~युवा
    A अर्था~अन्नदाता
    N अर्थात्~नारी
    भारी मन से मुझे कहना पड़ रहा है कि पिछले 05 वर्षोमें हमारे छत्तीसगढ़ की पिछली सरकार ने इन चारों समूहों के साथ अन्याय किया है। न केवल गरीबों के छत के अधिकार को छीना गया, यूरिया- डी.ए.पी. में काला बाजारी, 02 रूपये में गोबर खरीदकर गुणवत्ता विहीन कम्पोस्ट खाद के नाम पर जबरन 10 रूपये में बेचना। किसानों के संदर्भ में, मैं किन-किन लूटों की बात करूँ ? क्या क्या बताया जाए ? माताओं-बहनों को इन्होंने 500 रूपये प्रतिमाह अर्थात् साल का 6000 रूपये देने का वादा किया था, मगर किसी को 06 रूपये तक नहीं मिला ।

नेल्सन मंडेला जी ने कहा है :-
“किसी देश को तबाह करने के लिये बम, बारूद और मिसाईल की जरूरत नहीं होती। शिक्षा की गुणवत्ता को खराब कर देना और परीक्षाओं में भ्रष्टाचार ही किसी देश को बर्बाद करने के लिये पर्याप्त होता है” । पीएससी की प्रतिष्ठापूर्ण परीक्षाओं में युवाओं के साथअन्याय हुआ, जिसमें हमारी सरकार ने सीबीआई जांच का निर्णय लिया है।
गरीब, किसान, युवा एवं महिलाएं हमारे आर्थिक विकास के केन्द्र बिन्दु रहेंगे। इनकी ऊर्जा को सही दिशा और अवसर देकर हम प्रदेश की आर्थिक उन्नति में इनकी सहभागिता सुनिश्चित करेंगे ।
तकनीक आधारित रिफॉर्म और सुशासन से तीव्र आर्थिक विकास
आज दुनिया आर्टिफिशियल इंटिलिजेंस, डेटा एनालिटिक्स, कंप्रिहेंसिव सिस्टम डेवलपमेंट, सैटेलाईट बेस्ड कम्युनिकेशन जैसे उच्च स्तरीय तकनीकों से संचालित हो रही है । हम शासन और प्रशासन में तकनीक केइस्तेमाल पर पूरा जोर देंगे। इससे नागरिक सुविधाओं में पारदर्शिता आयेगी और समस्याओं का तीव्र समाधान होगा। इससे हम मोदी जी के “न खाऊंगा, न खाने दूंगा” की भावना को चरितार्थ कर पायेंगें ।
पिछली सरकार द्वारा कोयला पर तकनीक आधारित ऑनलाईन रायल्टी सिस्टम को हटाकर लाल फीताशाही आधारित मैनुअल सिस्टम लागू किया गया था । हमारी सरकार प्रशासनिक काम-काज की प्रक्रिया में ऐसे कपटपूर्ण मैनुअल हस्तक्षेपों पर पूर्ण विराम लगायेगी । तकनीक आधारित प्रयोगों के माध्यम से हम सरकार के खजाने के लीकेजों (Leakages) को रोकेंगे और कर की दर में वृद्धि किये बिना, हम पारदर्शी तकनीक आधारित करारोपण को अपनाकर सरकार के राजस्व ऐतिहासिक वृद्धि करेंगे। ताकि ईमानदार करदाताओं को प्रोत्साहित किया जा सके।
शासन के सभी विभागों में आई.टी. के उपयोग को बढ़ावा देने एवं इसका सफल अनुप्रयोग सुनिश्चित करने के लिए छत्तीसगढ़ सेंटर फॉर स्मार्ट गवर्नेन्स की स्थापना की जायेगी। बजट में आई.टी. उपकरण एवं आधुनिक सॉफ्टवेयर इत्यादि की व्यवस्था के लिए 266 करोड़ का प्रावधान किया गया है। इससे शासन के समस्त विभागों में सुशासन एवं पारदर्शिता सुनिश्चित की जा सकेगी ।
यही तकनीकी प्रयोग आधारित रिफॉर्म और सुशासन ही आने वाले 05 वर्षो में 05 लाख करोड़ के जी. एस. डी.पी. को 10 लाख करोड़ तकपहुंचाने के लिये आवश्यक तीव्र आर्थिक विकास दर का आधार बनेगा ।
तमाम चुनौतियों के बीच अधिकाधिक पूंजीगत व्यय ( CAPEX) सुनिश्चित करना
किसी भी विकासशील अर्थव्यवस्था के उच्च विकास दर के लिये कैपेक्स अर्थात् पूंजीगत व्यय आधारभूत स्तम्भ होता है ।
आर्थिक अध्ययन यह कहता है कि 100 रूपये के पूंजीगत व्यय से जी.डी.पी. में 247 रूपये की वृद्धि होती है । इस बजट में तमाम चुनौतियों के बाद भी पूंजीगत व्यय के प्रावधान में गत वर्ष की तुलना में 20 प्रतिशत की वृद्धि की गयी है ।

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