
डेस्क न्यूज /
सोमवार को इस दवा का 5 दिन का पूरा कोर्स लॉन्च किया गया, जिसकी कीमत 1399 रुपये तय की गई है। इस तरह यह दवा कोरोना वायरस के इलाज में इस्तेमाल होने वाली सबसे सस्ती दवा है। टाइम्स ऑफ इंडिया के अनुसार हेटेरो फार्मा, सन फार्मा, नाटको और डॉ. रेड्डीज जैसी करीब दर्जन कंपनियां Merck और इसकी पार्टनर कंपनी Ridgeback Biotherapeutics की तरफ से डेवलप की गई इस ओरल थेरेपी का इस्तेमाल कर के दवा बना रही हैं। इन कंपनियों की दवाओं से इलाज के पूरे कोर्स की कीमत 1500 रुपये से 2500 रुपये की बीच होने की उम्मीद है।
माना जा रहा है कि मोलनुपिराविर दवा कोरोना के मरीजों के इलाज में एक गेमचेंजर साबित हो सकती है। मैनकाइंड फार्मा ने हाल ही में बीडीआर फार्मास्युटिकल्स के टाइअप किया है और सोमवार को कंपनी ने एंटीवायरल दवा मोलुलाइफफ (Molulife) 200 मिग्रा. दिल्ली समेत देश के कुछ शहरों में लॉन्च की है। वहीं सनफार्मा ने इस एंटीवायरल दवा के पूरे कोर्स की कीमत 1500 रुपये रखी है, जो जल्द ही अपनी Molxvir दवा बाजार में उपलब्ध करा रही है।मोलनुपिराविर की 800 एमजी की डोज 5 दिन तक दिन में दो बार देनी है। एक्सपर्ट्स का मानना है कि कई मार्केट प्लेयर होने की वजह से इस दवा की कीमत किफायती ही रहने वाली है। यह दवा कोरोना संक्रमण के खिलाफ 70-80 फीसदी तक प्रभावी है। यह दवा कोरोना के वैरिएंट ओमिक्रोन पर भी कारगर है। इसे मुख्य रूप से इंफ्यूएंजा के इलाज के लिए बनाया गया था, जो एक एंटीवायरल दवा है।





