
रायगढ़। छत्तीसगढ़ के मुख्यमत्री भूपेश बघेल के खासमखास माने जाने वाले कांगे्रस नेता विभाष सिंह ठाकुर ने रायगढ़ विधानसभा सीट से उम्मीदवारी के लिए दावा ठोक दिया है। उन्होंने आज ब्लॉक अध्यक्ष विकास ठेठवार को आवेदन सौंपा।
विधानसभा चुनाव की तिथि नजदीक आते ही पूरे प्रदेश में चुनावी महौल बनने लगा है। दो दिन पहले जहां भाजपा ने अपनी पहली सूची जारी करते हुए 21 लोगों को अपना प्रत्याशी घोषित कर दिया है वहीं शनिवार की सुबह रायगढ़ जिले के फायर ब्रांड कांगे्रस नेता विभाष सिंह ठाकुर ने रायगढ़ विधानसभा सीट से उम्मीदवार के रूप ब्लॉक अध्यक्ष विकास ठेठवार को आवेदन सौंपते हुए हडकंप मचा दी है।
विदित रहे कि कांगे्रस नेता विभाष सिंह ठाकुर पिछले लंबे समय से प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल सहित कई अन्य

मंत्रियों के बेहद करीब रहे हैं। रायगढ़ सहित अन्य जिलों के कार्यक्रमों में भी मंत्रियों के साथ विभाष दौरा कर चुके हैं। इतना ही नही रायगढ़ जिले में तीन दिवसीय आयोजित ऐतिहासिक रामायण महोत्सव में शामिल हुए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने भी पूरे कार्यक्रम के दौरान विभाष को अपने करीब ही रखा। यह नजारा देखते हुए शहर के आम नागरिक भी अंदाजा लगाना शुरू कर चुके थे कि इस बार के विधानसभा चुनाव में विभाष को टिकट मिलने के भरपूर आसार हैं। ऐसे में अब कांगे्रसी नेता विभाष सिंह ठाकुर के उम्मीदवार के आवेदन सौंपने से लगता है कि निश्चित रूप से कांगे्रस पार्टी इस बार के विधानसभा चुनाव में रायगढ़ विधानसभा सीट से विभाष पर मुहर लगा सकती है।

जब सहपाठी ने लिया विभाष का आवेदन
जहां एक ओर जिले में सबसे ज्यादा सुर्खियों में रहने वाले कांगे्रस नेता विभाष सिंह ठाकुर शनिवार की सुबह जब कांगे्रस कार्यालय उम्मीदवारी के लिये आवेदन देने अपने सहपाठियों डाॅ गोविंद शर्मा, व्यवसायी विजय गुप्ता (काजू) के साथ पहुंचे तब उनके ही सहपाठी कांगे्रस ब्लाक अध्यक्ष विकास ठेठवार ने उनका आवेदन लिया। यह नजारा देखकर आसपास मौजूद लोग भी यह कहने से नही चूके कि सहपाठी ने ही अपने ही सहपाठी का आज आवेदन लिया।

चुनाव हारने के बाद भी पूरे पांच साल रहे सक्रिय
यूं तो विभाष के फालोअर्स पूरे जिले ही नही बल्कि लोकसभा में भी भारी तादाद में है। इनको चाहने वालों का जुनून सर चढ़कर बोलता है। इसी वजह से इनके सभी आंदोलनों में हजारों की भीड़ होती है। आंदोलन और आंदोलन को अंजाम तक पहुंचाने का हुनर कोई विभाष से सीखे। बड़ी-बड़ी रैलियां गाड़ियों की लंबी कतारें विभाष की पहचान रही है। एकमात्र विभाष सिंह ठाकुर ऐसे सख्स हैं जो चुनाव हारने के बाद भी पूरे पांच सालों तक सक्रिय हैं। शहर से लेकर गांव-गांव में इनकी दीवानगी देखते ही बनती है।

