
रायगढ़… मीनाबाजार को लेकर रोजाना विवाद बढ़ता जा रहा है।कल मीनाबाजार के लिए प्रस्तावित स्थल पर जांच के लिए पहुंचे तहसीलदार के समक्ष महल्लेवासियों के साथ पूर्व सभापति सलीम नियरिया सहित कई पार्षदों ने अपनी आपत्ति दर्ज करवाई।लेकिन इसी दौरान वहां मौजूद मीनाबाजार के संचालक द्वारा तहसीलदार को गुमराह करने का प्रयास किया गया।बता दें की मीना बाजार के संचालक और जमीन मालिक के बीच जो करार हुआ है उसके मुताबिक तकरीबन दो एकड़

जमीन मीनाबाजार और पार्किंग के लिए एक महीना और पांच दिन के लिए 28 लाख रुपए में लीज पर दी गई है।लेकिन मीनाबाजार संचालक के द्वारा अपने बयान में कहा गया है की


आपत्ति दर्ज करवाई तो तहसीलदार द्वारा तत्काल एग्रीमेंट की कॉपी का जांच किया गया जिसमे साफतौर पर लिखा गया है की भूस्वामी और चंद्रकांत इंटरप्राइजेज के बीच महज तकरीबन

दो एकड़ जमीन पर ही 28 लाख रुपए में करार किया गया है।ऐसे में मीना बाजार संचालक द्वारा जिला प्रशासन को गुमराह करने का भी प्रयास किया जा रहा है।

बहरहाल मोहल्लेवासियों और जनप्रतिनिधियों ने एक दर्जन से भी ज्यादा तथ्यों का हवाला देते हुए जिला प्रशासन से मीना बाजार के लिए सावित्री नगर में अनुमति नहीं दिए जाने की मांग की है।वहीं आज हाईकोर्ट में भी

इस मुआमले को लेकर जनहित याचिका आज दायर हो जाने की बात भी शिकायतकर्ताओं ने कही है।अब देखना यह है की तमाम विरोध के बीच अगर जिला प्रशासन जनहित के मद्देनजर फैसला नहीं लेता है तो फिर हाईकोर्ट में लगने वाली जनहित याचिका के फैसले का इंतजार रहेगा।






