
रायगढ़:- आलेख महिमा आश्रम में कांग्रेस नेता शंकरलाल अग्रवाल के सेवाभाव और जन सेवा ने क्षेत्र के अलग-अलग गांव से आए हजारों श्रद्धालुओं के मन में एक अलग छाप छोड़ा है। सरिया के पोरथ धाम की तरह पुसौर की ग्राम पंचायत छिछौर उमरिया में आयोजित विश्वशांति ब्रह्म यज्ञ महिमा बाल्यलीला में आने वाले हजारों श्रद्धालुओं के लिए शंकर अग्रवाल के द्वारा प्रथम दिवस वृहद भंडारे का आयोजन किया गया कांग्रेसी नेता के सेवा भाव ने जनसेवा की एक अलग ही मिसाल पेश की है। इस पुनीत कार्य के लिए श्रद्धालुओं के साथ-साथ आसपास के ग्रामीण और आयोजक समिति भी उनके प्रशंसा करते नहीं थक रहे है। विदित हो कि पुसौर के ग्राम

पंचायत छिछोर उमरिया में विगत 11 वर्षों से विश्व शांति ब्रह्मा यज्ञ महिमा बाल्यलीला का तीन दिवसीय आयोजन आलेख महिमा आश्रम में अंचल के ग्रामीणों द्वारा आयोजित किया जाता है। इस वर्ष भी 30 जनवरी से का आयोजन प्रारंभ किया गया है आयोजन के प्रथम दिवस भव्य कलश यात्रा के साथ यज्ञ की शुरुआत की गई है इस आयोजन में श्रद्धालुओं के साथ-साथ साधु संत महात्माओं का बड़े पैमाने पर आगमन होता है ।वर्तमान में आयोजन के प्रथम दिवस लगभग 10 हजार सभी अधिक श्रद्धालुओं की भीड़ उम्र पड़ी एवं लगातार लोगों का आगमन कार्यक्रम स्थल पर हो रहा है। कार्यक्रम स्थल पर

कलश यात्रा में आने वाले श्रद्धालुओं को परेशानी ना हो इसके लिए स्वच्छ पेयजल की व्यवस्था भी समाजसेवी शंकरलाल अग्रवाल द्वारा किया गया था। ज्ञात हो कि इससे पहले पोरथ धाम में आयोजित मकर संक्रांति के अवसर पर होने वाले मेले में भी लगभग 40 हजार लोगों के लिए जलपान की व्यवस्था इनके द्वारा किया गया था। उनके द्वारा लगातार किए जा रहे हैं जन सेवा के कार्य के संबंध में जब उनसे पूछा गया उन्होंने बताया कि मानव सेवा से बढ़कर कोई धर्म नहीं होता है। जन सेवा ही परम धर्म: मानव सेवा से मन को एक अलग ही प्रसन्नता की प्राप्त होती है। शंकरलाल अग्रवाल ने बताया कि वे आलेख महिमा आश्रम तथा क्षेत्र के लोगों के साथ उनका आत्मीय लगाव है वे भी दूसरे श्रद्धालुओं की तरह इस आश्रम से जुड़े हुए हैं। यह सेवा कार्य साधु संत और महात्माओं के आशीर्वाद और आम जनता तथा आयोजन समिति के सहयोग से ही संपन्न हो रहा है उन्होंने पूरे क्षेत्र वासियों को इस भव्य आयोजन के लिए बधाई और शुभकामनाएं दी है। तथा अंचल वासियों से अपील की है कि इस भव्य यज्ञ में अधिक से अधिक लोग शामिल होकर पुण्य के भागी बने।


