
शहर में होगी 6 केन्द्रों की स्थापना, ड्राइविंग लाइसेंस समेत अन्य कार्याे के लिए अब दलालों के नहीं लगाने पडें़गे चक्कर
रायगढ़ / लोगों को ड्राइविंग लाइसेंस बनाने के लिए अब आरटीओ दफ्तर में जूते नहीं घिसने होंगे। अब उन्हें ऑन स्पॉट एक विषेष जगह पर बड़ी आसानी से प्रक्रिया पूरी करते ही लाइसेंस मिल जाएगा। दरअसल, लोगों की परेषानी और दलालों के मकड़जाल को देखते हुए जुलाई माह से जिले में एक साथ 24 परिवहन सुविधा केंद्र को अस्तित्व में लाया जा रहा है। हर ब्लॉक में केंद्रांे की सख्या 2 होगी जबकि जिला मुख्यालय में 6 केंद्रों को खोला जाएगा।
दलालों के बगैर आरटीओ दफ्तर में कुछ काम करा पाना नामुमिकिन है। लर्निन लाइसेंस, वाहन फिटनेस और गाड़ी दस्तावेज के लिए एक टेबल से दूसरे टेबल तक फाइल चक्कर लगाती रहती है लेकिन महीने भर के बाद भी काम पूरा नहीं हो पाती। अगर दलालों के जरिए फाइल आगे बढ़ी तो चुटकी में काम हो जाता है। इस स्थिति ने दलालों की संख्या बढ़ा दी है। आमलोगों को दलालों के इसी मकड़जाल से बचाने अब जिले भर में 24 परिवहन सुविधा केंद्र खोलने की कवायद हो रही है। शहरी क्षेत्र में इसकी संख्या 6 होगी । जुलाई महीने में खुलने वाले इन केंद्रों में प्रक्रिया पूरी करते ही बगैर दलालों के बड़ी आसानी से काम हो जाएंगे। जिला मुख्यालय में आरटीओ की टीम ने शहर को 6 जोन में बांटा है। इसमें चक्रधरनगर, ढिमरापुर, ट्रांसपोर्टनगर, कोतरा रोड जैसे क्षेत्र शामिल है। इन केन्द्रों को जुलाई महीने के पहले सप्ताह तक आमलोगों के लिए दरवाजे खोल दिए जाएंगे। इसके लिए विभागीय अमले ने तैयारियां शुरू दी है। यही वजह है कि केंद्र के लिए काफी अधिक संख्या में आवेदन आ गए है।
दफ्तर में बिना दलाल के काम असंभव
आरटीओ दफ्तर के चारों तरफ फैले दलालों के मकड़जाल के चलते लोगों की जेबें ढीली हो रही है। पैसे का यह खेल पिछले कई दषकों से जारी है। लाइसेंस और वाहन कागजात बनाने के नाम पर आम आदमी के जूते चप्पल घिस रहें है। बावजूद इसके लोेंगों का काम बगैर दलालों के नही हो पा रहा है। इसे सुधारने की जितनी भी कोशिश की गई अब तक सबको नाकाम ही होना पड़ा है। लिहाजा ऐसे में दलालों की राह में परिवहन सुविधा केंद्र किस तरह रोड़ा अटका पाएगा, यह बहुत कुछ केंद्र की कामयाबी पर टिका हुआ है।

