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मितानिन दिवस विशेष घर-घर तक स्वास्थ्य सुविधाएं पहुंचाती हमारी मितानिनें स्वास्थ्य सुविधाओं की मजबूत नींव है मितानिनें कहानी चार मितानिनों की जिनकी कर्तव्यनिष्ठा ने बचायी जिंदगियां


रायगढ़, / मितानिन ग्रामीण क्षेत्र में स्वास्थ्य विभाग की सबसे निचली लेकिन वहां स्वास्थ्य ढांचा की नींव होती है। जो लोगों तक पहुंचकर न सिर्फ उन्हें स्वास्थ्य के प्रति जागरूक रखती है बल्कि स्वास्थ्य सुविधाओं का लाभ पहुंचाने में महत्वपूर्ण कड़ी का कार्य करती है। प्रतिवर्ष 23 नवम्बर को मितानिन दिवस मनाया जाता है। जो उनके सेवा और सहयोग के लिए सामूहिक आभार प्रकट करने का अवसर होता है। आज मितानिन दिवस के अवसर पर हम जिले के उन चार मितानिनों के कार्य बता रहे है जिन्होंने अपनी कर्तव्य निष्ठा व समर्पण से लोगों तक न केवल समय पर स्वास्थ्य सुविधाएं पहुंचायी बल्कि उनके लिए जीवन रक्षक भी साबित हुई।
मितानिन ने मासूम की बचाई जान
वार्ड क्रमांक 34 अम्बेडकर नगर में मितानिन अमरीका टण्डन ने वहां निवासरत एक महिला का प्रसव कराया था। परिवार भ्रमण के दौरान मितानिन उनके घर पहुंची। जहां उसने नवजात को तेज-तेज सांस लेते देखा। उन्होंने घरवालों से बच्चे को सांस लेने में हो रही तकलीफ के बारे में चर्चा की और उसे तत्काल अस्पताल ले जाने की बात कही। घरवालों ने बात पर ज्यादा गंभीरता नहंी दिखायी, तो मितानिन  खुद बच्चे को डॉक्टर के पास ले कर गई। जहां इलाज के दौरान डॉक्टर कुछ टेस्ट किया तो पता चला कि उस बच्चे के दिल में छेद है और डॉक्टर उसे रायपुर में इलाज कराने के लिये बोले। कुछ दिनों बाद उसके परिवार वालों ने रायपुर में उस बच्चे का ऑपरेशन कराया और वह बच्चा आज ठीक है। मितानिन को आज वह परिवार धन्यवाद देता है।
कुपोषित बच्चे की संवारी सेहत
मधुबन पारा की मितानिन कौशिल्या मालाकार जो कि परिवार भ्रमण के दौरान पता चला की वहां के एक परिवार की बच्ची को पिछले एक माह से खांसी आ रही है, और वजन भी कम होते जा रहा है। मितानिन ने परिवार वालों को तत्काल बच्ची को अस्पताल ले जाने की सलाह दी। लेकिन घर वालों ने मौसमी खांसी मानकर बच्ची को अस्पताल नहीं लेकर गए। परन्तु मितानिन बार-बार परिवार भ्रमण के दौरान उसके घर वालों को जा कर समझाने पर कि बच्ची का वजन कम हो रहा है भूख में कमी हो रही है तब परिवार वाले अस्पताल जाने के लिए मान गये। मितानिन ने हर माह भ्रमण कर बच्ची के उपचार की जानकारी ली व  जरूरत अनुसार दवाईयां भी मुहैय्या करवायी। जिससे उसके तबियत में सुधार होने लगा। आज वह बच्ची स्वस्थ है।
गर्भवती महिला का करवाया प्रसव
बेलादुला वार्ड क्रमांक 21 मितानिन कुंती वैष्णव ने वहां की एक गर्भवती महिला को प्रसव पीड़ा होने पर अस्पताल ले जाकर उसका सुरक्षित प्रसव करवायी और जितना खर्च हुआ उसका वहन मितानिन द्वारा वहां पर खुद किया गया। मॉ बच्चा दोनो को स्वस्थ घर ले कर गई।
जरूरतमंद के लिए बनी मददगार
वार्ड नं. 09 मधुबन मोदीपारा के एक 27 वर्षीय व्यक्ति उसके दिल में छेद की समस्या थी। कमजोर आर्थिक स्थिति के कारण उसका इलाज नहीं हो पा रहा था। मितानिन उमा साहू को इसकी जानकारी लगने पर उसने महिला आरोग्य समिती की महिलाओं से इस बारे में चर्चा की। समिति वालों की मदद के साथ ही मितानिन दीदी के सहयोग से मरीज का स्मार्ट कार्ड तुरंत बनवाकर और उसका जिला अस्पताल में उसका ऑपरेशन भी करवायी। इस तरह मितानिन ने उस जरूरतमंद की समय पर मदद की।

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