
रायगढ़ /
प्रसाशनिक सेवा हो या फिर राजनीति का क्षैत्र भाजपा नेता ओपी चौधरी मदर्स डे पर अपनी माँ कौशल्या चौधरी को याद करना नही भुलते l माँ के साथ सोशल मीडिया पर अपनी तस्वीर साझा करते हुए ओपी चौधरी ने कहा कि चौथी कक्षा तक शिक्षा ग्रहण करने वाली मेरी माँ ने पिता की मृत्यु के बाद अनुकंपा नौकरी लेने से इंकार कर दिया और जिंदगी में कुछ बड़ा करने की प्रेरणा दी l अनुकम्पा नियुक्ति की राह छोड़कर ओपी ने आईएएस की तैयारी शुरू की और छग माटी के पहले कलेक्टर होने का गौरव हासिल किया l अपने इस मुकाम का श्रेय माँ को देते हुए ओपी ने कहा उनके निर्णय की वजह से मुझे यह ऊंचाई मिली l यू तो माँ इस सृष्टि का सबसे छोटा शब्द है लेकिन प्रकृति का सबसे बड़ा सृजन इस कलाकार के हाथों ही हुआ है l प्रशासनिक सेवा का सबसे बड़ा मुकाम हासिल करने के बाद ओपी चौधरी ने छत्तीशगढ़ में एक बड़े परिवर्तन के उद्द्देश्य से कलेक्टर का पद छोड़ दिया l सुविधाओ का महल त्याग कर जनता के लिए कुछ बड़ा करने का सपना देखने वाले ओपी यह जानते है कि राजनीति एक ऐसा मंच है जिससे बड़े बदलाव की बुनियाद आसानी से रखी जा सकती है l विकल्प में ओपी ने भाजपा का चयन किया l कांग्रेसी भी उनकी काबलियत का लोहा मानते है और राजनैतिक विद्वेष से बस यही आरोप लगा पाते है कि एक काबिल व्यक्ति ने गलत पार्टी का चयन किया l





