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सी-मार्ट में महिला समूहों द्वारा बनाये उत्पाद बढ़ाने मांग व आपूर्ति पर करें फोकस-कलेक्टर श्री भीम सिंह


कलेक्टर श्री सिंह ने ली आजीविका संवर्धन से जुड़े विभागों की समीक्षा बैठक
रायगढ़,
/ शासन द्वारा महिला समूहों के उत्पाद के विक्रय में वृद्धि तथा बेहतर बाजार मुहैय्या कराने के लिए सी-मार्ट प्रारंभ किया जा रहा है। इस सी-मार्ट के माध्यम से जिला मुख्यालय में अलग-अलग विकासखण्डों में विशेष रूप से तैयार होने वाले उत्पादों को उपभोक्ताओं तक सीधे पहुंचाया जा रहा है। यहां महिला समूहों द्वारा तैयार उत्पाद का विक्रय बढ़ाने के लिए उपभोक्ताओं के बीच व्यापक प्रचार-प्रसार करते हुए मांग व आपूर्ति चक्र पर फोकस किया जाए। उक्त बाते कलेक्टर श्री भीम सिंह ने आज आजीविका से जुड़े विभागों की बैठक में कही।
कलेक्टर श्री सिंह द्वारा सी-मार्ट संचालन के बारे में जानकारी लेने पर प्रभारी अधिकारी ने बताया कि यहां लैलूंगा से मिट्टी के बर्तन व जवाफूल चावल, धरमजयगढ़ से सवई घास के घरेलू उपयोग के प्रोडक्ट, घरघोड़ा में तैयार हो रही लाख की चूडिय़ां, दालें, बड़ी, आचार और अन्य घरेलू उपयोग के सामान विक्रय के लिए रखे गए है। पिछले 15 दिनों में यहां 90 हजार से अधिक का सामान बेचा गया है। इस पर कलेक्टर श्री सिंह ने सी-मार्ट में प्रोडक्ट की रेंज बढ़ाते हुए डिमांड व सप्लाई पर फोकस करने के निर्देश दिए। ज्यादा मांग वाले उत्पादों को तैयार करने हेतु अधिक महिला समूहों को जोडऩे व उन्हें टे्रनिंग देने की बात उन्होंने कही। कलेक्टर श्री सिंह ने समूहों के उत्पाद के मार्केट लिंकेज के लिए जिले में संचालित कम्पनीज से टाईअप के निर्देश दिए।
बैठक में कलेक्टर श्री सिंह ने मुख्यत: विभागीय योजनाओं के तहत ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार सृजन और गौठानों में संचालित होने वाली गतिविधियों की विस्तार से समीक्षा की। कलेक्टर श्री सिंह ने कहा कि शासन की योजना के तहत गौठानों में रूरल इंडस्ट्रियल पार्क (रीपा) विकसित किये जा रहे है, जिसमें पारंपरिक व्यवसायों को सहेजने संवारने की पहल भी की जा रही है। कलेक्टर श्री सिंह ने कहा कि विभिन्न समूहों के बांस, मिट्टी से बने उत्पाद, तेल पेराई जैसे पारंम्परिक कार्यो को गौठानों की मल्टी एक्टीविटी में शामिल किया जा रहा है। प्रभारी अधिकारी ने बताया कि बंसोड़ समुदाय को कार्य करने के लिए गौठान में जगह उपलब्ध करायी गयी है तथा उन्हें वन विभाग द्वारा बांस प्रदान किया जा रहा है। कलेक्टर श्री सिंह ने सभी चिन्हांकित गौठानों में मल्टी एक्टीविटी के तहत आजीविका मूलक कार्यों को बढ़ाने के निर्देश दिए। उन्होंने गौठानों में वर्मी कम्पोस्ट निर्माण की जानकारी ली और कम्पोस्ट के तत्काल उठाव करवा कर समितियों में भंडारित करने के निर्देश दिए।
कलेक्टर श्री सिंह ने रेशम विभाग द्वारा किए जा रहे कार्यों की समीक्षा की। प्रभारी अधिकारी ने बताया कि रेशम के ताने जिले में तैयार करने के लिए प्रशिक्षण दिया जा रहा है। रेशम के ताने तैयार होने पर उसे बुनकरों को कपड़ा तैयार करने के लिए उपलब्ध कराया जाएगा। एफआरए के तहत किए जा रहे कार्यो की समीक्षा की। सहायक आयुक्त आदिवासी विकास ने बताया कि विभाग द्वारा वनअधिकार पत्र वितरण, कुऑ, डबरी निर्माण एवं समतलीकरण का कार्य किया जा रहा है। कृषि विभाग द्वारा बताया गया कि केसीसी निर्माण का कार्य किया जा रहा है। कलेक्टर श्री सिंह ने पशुपालन, मछली एवं उद्यान विभागों को केसीसी निर्माण में तेजी लाने के निर्देश दिए। उन्होंने धरमजयगढ़ विकासखण्ड के खलबोरा में विभागों द्वारा तैयार किए गए योजनाओं की प्रगति की समीक्षा की। उन्होंने सभी विभागों को हितग्राहियों के प्रशिक्षण के साथ उनको उपलब्ध करायी जाने वाली सामग्री व उपकरण तथा निर्माण कार्यों को जल्द पूर्ण करने के लिए कहा। जिले में नाबार्ड द्वारा आजीविका संवर्धन के लिए किए जा रहे ‘वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्टÓ के तहत टोमेटो प्रोसेसिंग प्रोजेक्ट का काम तेजी से आगे बढ़ाने के लिए कहा। साथ ही उन्हें टे्रनिंग प्रोग्राम भी जल्द पूरा करने के निर्देश दिए।
       इस अवसर पर सीईओ जिला पंचायत डॉ.रवि मित्तल, सहायक संचालक जिला पंचायत श्री महेश पटेल, सहायक आयुक्त आदिवासी श्री अविनाश श्रीवास, उप संचालक रेशम श्री कंवर सहित संबंधित विभाग के अधिकारी-कर्मचारी उपस्थित रहे।

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