
रायगढ़…विवादित उद्योगपति हरविलास अग्रवाल ने अपने बेटों के साथ मिलकर अपने ही एक रिश्तेदार का दिवाली के पहले दिवाला निकाल दिया है।खबरों की माने तो हरविलास एंड संस ने अपने करीबी रिश्तेदार अजय अग्रवाल के नाम से फर्जी गिफ्ट डीड(शेयर ट्रांसफर डीड)तैयार करवाकर उन्हें करोड़ों का चुना लगा दिया है।
क्या है पूरा मामला..
बताया जा रहा है कि अजय अग्रवाल ने बांके बिहारी इस्पात प्राइवेट लिमिटेड का शेयर 10 रुपए प्रति शेयर के भाव से खरीदा था(इसका वर्तमान मूल्य साढ़े चार करोड़ रुपए है) हरबिलास अग्रवाल और उसके दोनों पुत्र आयुष अग्रवाल और प्रणव अग्रवाल ने कूट रचना करते हुए एक कूटरचित दस्तावेज तैयार किया। विगत 16 मई 2024 को 100 रुपए के स्टाम्प पेपर पर फर्जी तरीके से गिफ्ट डीड(शेयर ट्रांसफर डीड)तैयार करवा लिया। और इस फर्जी गिफ्ट डीड को तैयार करने के लिए हरविलास और उसके पुत्रों ने बकायदा अजय अग्रवाल का फर्जी हस्ताक्षर भी कर लिया।यहां यह भी बता दें कि इस फर्जी दस्तावेज को तैयार करने के लिए जो 100 रुपए का स्टाम्प खरीदा गया।उस पर अजय अग्रवाल के फर्जी हस्ताक्षर इन लोगों ने कर दिया। जिस दिन अजय अग्रवाल के नाम से स्टाम्प लिया गया उस दिन अजय अग्रवाल यहां उपस्थित ही नहीं था।इसी तरह हरविलास और उसके पुत्रों ने फर्जी गिफ्ट डीड तैयार करते हुए उसका निष्पादन नोटरी से करा लिया।जबकि नोटरी को गिफ्ट डीड निष्पादन का अधिकार ही नहीं है।गिफ्ट डीड निष्पादन का अधिकार सिर्फ रजिस्ट्रार को होता है।जानकारी मिल रही है कि हरविलास और उसके पुत्रों द्वारा किए गए इस फर्जीवाड़े की जानकारी अजय अग्रवाल ओडिशा के एक वकील के जरिए हुई तब उन्होंने पूंजीपथरा थाना में जाकर अपने साथ हुई धोखाधड़ी की शिकायत दर्ज करवाया।अजय अग्रवाल की शिकायत के उपरांत हरविलास अग्रवाल और उसके दोनों पुत्र आयुष अग्रवाल और प्रणव अग्रवाल के विरुद्ध पूंजीपथरा थाना में धारा 420,34 के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। अब देखना है कि पुलिस करोड़ों रुपए के इस फर्जीवाड़े के आरोपी पिता पुत्रों को कब तक गिरफ्तार करती है।क्योंकि तीनों ही आरोपी उद्योगपति घराने के रसूखदार लोग हैं।





