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200 से शून्य तक का सफर: डेंगू पर प्रभावी नियंत्रण


रायगढ/पिछले साल जहां शहर में जुलाई और अगस्त के प्रथम सप्ताह में डेंगू के 200 से अधिक मामले सामने आए थे, वहीं इस वर्ष अगस्त माह तक डेंगू का एक भी केस दर्ज नहीं हुआ है। यह आंकड़ा न केवल नगर निगम एवं जिला स्वास्थ्य विभाग के लिए राहत की खबर है, बल्कि नगर निगम और आमजन की सामूहिक सजगता और सतर्कता का प्रमाण भी है।

निगम कमिश्नर श्री बृजेश सिंह क्षत्रिय के निर्देशन में बारिश शुरू होने के बाद ही डेंगू बचाव के लिए कार्य शुरू कर दिए गए हैं। निगम और जिला स्वास्थ्य विभाग एवं महिला एवं बाल विकास की टीम की संयुक्त बैठक सह कार्यशाला लगातार की जा रही। इसमें सफाई दरोगा, स्वच्छता सुपरवाइजर, मितानिन, आंगनवाड़ी कार्यकर्ता सभी की एक-एक टीम बनाई गई है, जो अपने-अपने वार्डों में डेंगू बचाव से संबंधित जन जागरूकता, इससे बचने बरते जाने वाली सावधानियां का प्रचार प्रसार सहित बारिश के पानी के

ठहराव की सतत निगरानी बनाए हुए हैं। इसी तरह निगम प्रशासन द्वारा सोमवार से शनिवार तक का सुबह चार एवं शाम को चार वार्डों में 8 मशीनों द्वारा एंटी मॉस्किटो फागिंग किया जा रहा है। सोमवार की सुबह वार्ड क्रमांक 1 से 4 तक एवं शाम के समय 5 से वार्ड क्रमांक में 8 तक फॉगिंग किया गया। इसी तरह रोस्टर अनुसार अगले दिन आठवां उसके अगले दिन 8 को एंटी मॉस्किटो फागिंग से कर किया जा रहा है। कमिश्नर श्री क्षत्रिय ने स्थानीय जनप्रतिनिधियों को बात कर ही वार्डों में फागिंग करने के निर्देश दिए हैं।इसमें तय फॉर्मेट में स्थानीय जनप्रतिनिधियों, निवासियों से नाम मोबाइल नंबर एवं हस्ताक्षर लिए जा रहे हैं। इसी तरह

आवश्यकता अनुसार ठहरे हुए बारिश के साफ पानी में एंटी लार्वी साइट दवा का छिड़काव एवं जला हुआ मोबाइल डालने का भी कार्य किया जा रहा है। इसी का नतीजा रहा है कि जहां पिछले साल जुलाई में 152 एवं अगस्त के प्रथम सप्ताह में 200 से ज्यादा डेंगू के केस दर्ज किए गए थे। अभी तक यह शून्य है।

निगम की सक्रियता रही अहम

निगम कमिश्नर श्री क्षत्रिय के नेतृत्व में शहर में इस बार मानसून से पहले और लगातार विशेष स्वच्छता अभियान चलाए गए। नगर निगम ने नालियों की नियमित सफाई, जलजमाव रोकने के लिए ड्रेनेज की मरम्मत और सार्वजनिक स्थलों पर एंटी लार्वा स्प्रे का छिड़काव किया है। हर वार्ड में स्वास्थ्य दरोगा, स्वच्छता सुपरवाइजर, मितानिन एवं आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की टीम बनाई गई, जो शहर के संभावित डेंगू हॉट स्पॉट क्षेत्रों पर निगरानी के साथ निरीक्षण करते हुए लोगों में डेंगू से बचने के लिए बरती जाने वाली सावधानियां का प्रचार प्रसार कर जन जागरूकता ला रहे हैं।

जन-जागरूकता अभियान ने निभाई बड़ी भूमिका

नगर निगम एवं जिला स्वास्थ्य विभाग की टीम स्कूलों, कॉलेजों और मोहल्लों में जागरूकता अभियान डोर टू डोर जाकर डेंगू से बचाव संबंधित पम्पलेट वितरण के साथ और सोशल मीडिया अभियानों के ज़रिए लोगों को डेंगू से बचाव के उपाय बताए जा रहे हैं। इसी तरह निगम के स्वच्छता वाहनों में भी डेंगू से बचाव संबंधित जानकारियां जैसे घरों में साफ पानी जमा न होने दें, कूलर व बर्तनों की नियमित सफाई करें और पूरी बाँह के कपड़े पहनें, सोते समय मच्छरदानी का उपयोग करने, घरों मैं आंगन एवं अन्य स्थानों पर रखें कबाड़ पुराने टायर नारियल के खोल फ्लावर पॉट फ्रिज की ट्रे आदि की भी नियमित जांच करने औरएंटी लार्वी दवा का छिड़काव करने जैसी बातों को बताईजा रही है।

तेज़ रिपोर्टिंग और फील्ड टेस्टिंग

इस बार मेडिकल मोबाइल यूनिट में डेंगू की तुरंत पहचान के लिए रैपिड टेस्टिंग किट्स उपलब्ध कराई गईं। संदिग्ध लक्षणों पर तुरंत जाँच कर मरीजों को अलग कर इलाज शुरू करने निर्देशित किया गया है। इसका असर यह रहा कि थोड़े डेंगू संबंधित कुछ भी लक्षण होने पर तुरंत ही मरीजों की जांच की जा रही है हालांकि अभी तक एक भी जांच पॉजिटिव नहीं आई है।

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