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ईश्वर भक्ति का क्रम सबसे ऊपर हो:- बाबा प्रियदर्शी राम….रायपुर नवदंपति के आशीर्वाद के दौरान पूज्य पाद का आशीर्वचन

रायगढ़ :- मानव जीवन में ईश्वर भक्ति का क्रम सबसे नीचे होता है जबकि दुखी होते ही मनुष्य भगवान से संकट हरने की पूरी आशा रखता है। उक्त बाते पूज्य पाद बाबा प्रियदर्शी राम से ने शुभम विशाखा के वैवाहिक गठबंधन के आशीर्वाद समारोह में कही। आवश्यक कार्य हो तो मनुष्य ईश्वर भक्ति में कटौती करता है जबकि सोने सहित अन्य कार्यों में मनुष्य कटौती नहीं करता। भगवान की भक्ति को सर्वोपरि रखना चाहिए ।शादी विवाह को महत्वपूर्ण संस्कार बताते हुए पीठाधीश्वर ने कहा वर वधु गृहस्थ जीवन में प्रवेश करते है। इस आयोजन के दौरान धन के अपव्यय पर रोक को आवश्यक बताते हुए उन्होंने मनुष्य जीवन को सभी योनियों में महान बताया। दिखावे से परे शील शालीनता का पालन

करते हुए सादगी पूर्ण जीवन शैली को अपनाए जाने की आवश्यकता बताते हुए बाबा प्रियदर्शी राम जी ने कहा नित्य ईश्वर के स्मरण से जीवन के दुख कट जाते है। आदर्श जीवन शैली को अपनाकर न केवल मनुष्य रोग मुक्त हो सकता है बल्कि सभी कठिनाइयों एवं व्यवधान को भी दूर कर सकता है।बच्चों को संस्कार वान बनाने के लिए मनुष्य को आदर्श जीवन शैली अपनाना चाहिए। नशा सेवन की बढ़ती प्रवृति समाज के लिए सबसे घातक है। नशा सेवन से दूर रहने एवं इसके परित्याग की सलाह दी। मनुष्य को सामर्थ्य वान बताते हुए कहा सामर्थ्य के जरिए हर मनुष्य जीवन का आलक्ष्य हासिल कर सकता है। अज्ञानता को दुखो की जड़ बताते हुए पूज्य बाबा प्रियदर्शी राम जी ने कहा अच्छे साहित्य के अध्यन एवं सत्संग की बातों को अपनाकर जीवन को उत्कृष्ट बनाया जा सकता है।नवदंपति को शुभ आशीर्वाद देते हुए उन्होंने उपस्थित लोगों को जीवन से एक आदर्श जीवन शैली अपनाते हुए पंचशील के पालन का अनुरोध किया।

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