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शुभम राइस मिल के संचालक की लापरवाही…मजदूर पर पड़ गई भारी…रायपुर में जिंदगी और मौत के बीच झूल रहा मजदूर..बेपरवाह मिल मालिक जी रहा ऐश की जिंदगी…पत्नी ने लगाई कलेक्टर से मदद की गुहार..पढ़िए पूरी खबर..

रायगढ़…शहर से महज दस किलोमीटर दूर कोंडातराई में स्थित शुभम राइस मिल में विगत 17 अगस्त को राइस मिल के अंदर काम कर रहा मजदूर नरेश दास महंत करेंट लगने से बुरी तरह झुलस गया,बताया जा रहा है कि नरेश दास महंत पिछले चार महीनों से राइस मिल में वेल्डिंग का कार्य कर रहा था।घटना के बाद उसे किसी तरह जिला अस्पताल लाया गया।जहां डक्टर्स ने बताया की नरेश 80 प्रतिशत जल चुका है।उसकी नाजुक हालत को देखकर उसके परिजन पहले उसे बुरला(ओडिशा)ले गए,फिर वहां से उसे रायपुर शिफ्ट किया गया।जहां उसके

इलाज में काफी दिक्कतें आ रही है।जानकारी मिल रही है कि मिल किसी रमेश अग्रवाल की है।और घटना के बाद मिल मालिक ने अपने ठेकेदार के जरिए केवल 20 हजार रुपए नरेश दास महंत के परिजनों को दिया है।उसके बाद उसे मरणासन्न स्थिति में छोड़ दिया गया है।आज नरेश दास की पत्नी ने केलोभूमि से चर्चा करते हुए बताया कि उनकी आर्थिक स्थिति बहुत ही कमजोर है।मिल मालिक की तरफ से कोई भी सहायता नही मिल रही है।ऐसे में रायपुर में रहकर आगे इलाज करवा पाना संभव नहीं है।उसने कलेक्टर कार्तिकेय गोयल से मदद की गुहार लगाई है।

नियम कायदों को ताक पर रखकर चल रहा है शुभम राइस मिल में काम..

जो जानकारी मिल रही है उसके मुताबिक शुभम राइस मिल में नियम कायदों का पालन नहीं किया जाता है।मजदूरों के सुरक्षा के पुख्ता इंतजामात नही हैं।वहां काम कर रहे मजदूरों को जान हथेली पर रखकर काम करना पड़ता है।मिल मालिक और ठेकेदार जिला प्रशासन की आंखों में धूल झोंककर मजदूरों से काम करवा रहे हैं।दुर्घटना में घायल होकर जिंदगी और मौत के बीच झूल रहे नरेश दास महंत का ना तो श्रम विभाग में पंजीयन है और ना ही कर्मचारी राज्य बीमा निगम में उसका बीमा कराया गया है।इस वजह से उसे आज सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं मिल पा रहा है।अपने चंद रुपए बचाने के लिए शुभम राइस मिल के मालिक ने उसे मौत के मुंह में धकेल दिया है।

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